कैदियों पर दबदबा बनाने के चक्कर में प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में भी हो चुका है कत्ल

सेंट्रल जेल नैनी में चित्रकूट जैसी गोलीकांड तो अब तक नहीं हुआ मगर जेल के भीतर कैदियों पर अपना दबदबा बनाने के लिए कुख्यात विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदी की हत्या जरूर हो चुकी है। कैदियों के बीच मारपीट भी अक्सर होती रहती है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 07:00 AM (IST)
कैदियों पर दबदबा बनाने के चक्कर में प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में भी हो चुका है कत्ल
चम्मच को चाकू बनाकर कैदी पर किया था हमला, शराब पार्टी के मामले में भी हो चुकी है कार्रवाई

प्रयागराज, जेएनएन। सेंट्रल जेल नैनी में चित्रकूट जैसी गोलीकांड तो अब तक नहीं हुआ मगर जेल के भीतर कैदियों पर अपना दबदबा बनाने के लिए कुख्यात विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदी की हत्या जरूर हो चुकी है। कैदियों के बीच मारपीट भी अक्सर होती रहती है। नैनी जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के अहमदाबाद ट्रांसफर हो जाने के बाद कुछ अपराधियों ने शराब पार्टी की थी, जिस पर कई अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई थी।

धाक जमाने के  लिए चम्मच को चाकू का शक्ल देकर हमला

जेल में बंद एक विचाराधीन बंदी ज्ञान सिंह की हत्या सितंबर 2020 में कर दी गई थी। जेल के सर्किल नंबर पांच में बंद घूरपुर थाना क्षेत्र के दानपुर गांव निवासी अरविंद पासी को 19 फरवरी 2019 को नैनी जेल में निरुद्ध किया गया था। उसी सर्किल में कौंधियारा थाना क्षेत्र के शांतिनगर निवासी ज्ञान सिंह को सात जून 2019 को बंद किया गया। अरविंद और ज्ञान सिंह के बीच काफी दिनों से अपनी धाम जमाने के लिए खुन्नस चल रही थी। इसी विवाद पर एक दिन अरविंद ने चम्मच को चाकू बनाकर ज्ञान सिंह पर हमला कर दिया। दोनों के बीच जमकर मारपीट भी हुई थी। हमले में जख्मी ज्ञान सिंह को इलाज के लिए स्वरूरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां दो दिन बाद उसकी मौत हो गई थी। घटना के बाद नैनी थाने में अरविंद के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसी तरह वर्ष 2009 में बेबी तिवारी नामक महिला की संदिग्ध दशा में मौत हुई थी। उस वक्त कहा जा रहा था कि जेल में उसकी हत्या की गई थी। 

जेल में आठ आतंकी समेत 4300 कैदी

नैनी जेल में इस वक्त आठ आतंकी समेत 4300 कैदी हैं। बंदियों की संख्या निर्धारित क्षमता 2200 से दो गुनी के करीब है। हालांकि अभी इस जेल में कोई बड़ा माफिया या कुख्यात अपराधी नहीं है, लेकिन चित्रकूट की घटना के बाद जेल प्रशासन काफी सतर्क हो गया है। माफिया अतीक अहमद, दिलीप मिश्रा और खान मुबारक गैंग से जुड़े लोगों को पहले ही दूसरे जेल भेजा जा चुका है।

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