आनंद भवन पर टैक्स ने दिल्ली तक मचाई खलबली, माफ हो सकता है कर Prayagraj News

निगम ने आनंद भवन पर 4.36 करोड़ रुपये का टैक्स को लेकर आनंद भवन ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने जांच को कहा है। कहा कि देश की धरोहर इसका कामर्शियल इस्तेमाल नहीं हो रहा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 12:14 PM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 05:02 PM (IST)
आनंद भवन पर टैक्स ने दिल्ली तक मचाई खलबली, माफ हो सकता है कर Prayagraj News
आनंद भवन पर टैक्स ने दिल्ली तक मचाई खलबली, माफ हो सकता है कर Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। पिछले दिनों नगर निगम ने आनंद भवन पर 4.36 करोड़ रुपये का गृहकर लगाकर नोटिस जारी किया था। यह मामला सुर्खियों में आया तो प्रयागराज से दिल्ली तक खलबली मच गई। भारी भरकम बिल देखकर आनंद भवन ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने पहले जांच की मांग की। अब उन्होंने इसे माफ करने की मांग की है।

पहले 600 रुपये मासिक गृहकर जमा करता था आनंद भवन ट्रस्ट

वर्ष 2003 से पहले तक आनंद भवन ट्रस्ट हर साल नगर निगम को 600 रुपये के हिसाब से गृहकर जमा करता था। 2003 के बाद गृहकर का पुनर्मूल्यांकन किया गया। उसके बाद आनंद भवन, संग्रहालय और तारामंडल का गृहकर बढ़ गया। वर्ष 2009-10 में ब्याज समेत कुल गृहकर 1,23,18,602 रुपये हो गया। 2013-14 में फिर गृहकर बढ़ाया गया। बकाया राशि 2,40,78,763 रुपये हो गई, जो अब धनराशि बढ़कर 4,36,23,979 रुपये तक पहुंच चुकी है। जब आनंद भवन ट्रस्ट के पास भारी भरकम बिल पहुंचा तो पदाधिकारियों की परेशानी बढ़ गई। पदाधिकारियों ने नगर निगम के अफसरों से कहा कि फिर से इसकी जांच की जाए। कहा है कि यह देश की धरोहर है और इसका कामर्शियल इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। इसलिए उनका टैक्स माफ किया जाय।

इसे भी जानें

-25700 वर्ग फीट : निर्मित क्षेत्र 

-208800 वर्ग फीट : गैर निर्मित क्षेत्र 

-827050 रुपये : वार्षिक गृहकर 

-20713,534 रुपये : गृहकर बकाया

-21254853 रुपये : ब्याज 

-828542 रुपये : मासिक ब्याज 

-600 रुपये : वार्षिक गृहकर जमा कर रहा ट्रस्ट

-30-07-2019 : अंतिम गृहकर की किश्त ट्रस्ट ने जमा की

नगर निगम के कर निर्धारण अधिकारी बोले, टैक्स माफ भी हो सकता है

नगर निगम के कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्रा ने बताया कि आनंद भवन ट्रस्ट की ओर से कुछ कागजात मुहैया कराए गए हैं। उनकी जांच अल्लापुर जोनल टीम को दी गई है। वह जांच कर रहे हैं। जांच में अगर यह पुष्टि होती है कि वह चैरिटी कर रहे हैं तो टैक्स माफ भी हो सकता है। क्योंकि धार्मिक और चैरिटी की संस्थाओं का टैक्स माफ रहता है।

आनंद भवन बचाने को कांग्रेसी लामबंद

नगर निगम की ओर से आनंद भवन को भेजे गए गृहकर नोटिस के विरोध में पार्षदों और कांग्रेस नेताओं ने नगर आयुक्त रवि रंजन को ज्ञापन सौंपा। साथ ही आनंद भवन को गृहकर मुक्त करने की मांग की। नेता सदन पार्षद दल कांग्रेस मुकुंद तिवारी ने कहा कि निगम की बैठक में इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे। कार्यवाहक शहर अध्यक्ष नफीस अनवर ने कहा कि प्रदेश सरकार की साजिश के तहत नगर निगम द्वारा यह कार्रवाई की गई।

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