मुंडेरा मंडी के आढ़तियों को फिर मिलेगा नौ आर और छह आर, निदेशक ने कंप्यूटराइज्ड यूजर चार्ज की यवस्था पर फिर से विचार करने का आश्वासन

निदेशक ने प्रतिनिधिमंडल को यह भी आश्वासन दिया कि इस मसले पर बैठक बुलाकर विचार किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें अवगत कराया था कि आढ़तियों द्वारा दो से लेकर 10-20 अथवा इससे ज्यादा बोरे में सब्जियों-फलों की बिक्री बार-बार की जाती है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 08:00 AM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 08:00 AM (IST)
मुंडेरा मंडी के आढ़तियों को फिर मिलेगा नौ आर और छह आर, निदेशक ने कंप्यूटराइज्ड यूजर चार्ज की यवस्था पर फिर से विचार करने का आश्वासन
एक प्रतिनिधिमंडल लखनऊ में निदेशक मंडी परिषद से मिलकर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया

प्रयागराज, जेएनएन। प्रदेश सरकार की ओर सो नौ आर और छह आर को हटाकर कंप्यूटराइज्ड यूजर चार्ज लेने की व्यवस्था लागू की गई है। इससे आढ़तियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। फल सब्जी व्यापार मंडल महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल लखनऊ में निदेशक मंडी परिषद से मिलकर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने आढ़तियों को फिर से नौ आर और छह आर जारी करने का आश्वासन दिया। कहा कि वह मंडी सचिव को इस बारे में निर्देश जारी करेंगे। 


प्रतिनिधमंडल ने निदेशक मंडी परिषद से मिलकर बताईं अपनी समस्याएं

निदेशक ने प्रतिनिधिमंडल को यह भी आश्वासन दिया कि इस मसले पर बैठक बुलाकर विचार किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें अवगत कराया था कि आढ़तियों द्वारा दो से लेकर 10-20 अथवा इससे ज्यादा बोरे में सब्जियों-फलों की बिक्री बार-बार की जाती है। हर बार फल और सब्जी की बिक्री के बाद कंप्यूटर द्वारा यूजर चार्ज कटाना संभव नहीं है। इसलिए प्रदेश सरकार द्वारा 31 जनवरी 2021 को जारी आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। मांग की गई थी कि मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब जैसे प्रदेशों की मंडियों में जो व्यवस्था लागू है, उसी व्यवस्था को यहां भी लागू किया जाए। महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुशवाहा ने बताया कि दो दिन पहले निदेशक से मुलाकात में नौ आर और छह आर कागज जारी करते रहने का आश्वासन दिया। उनका कहना है कि नए कृषि कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। उसी कानून के तहत यह व्यवस्था प्रदेश सरकार ने लागू की थी। लेकिन, जब कानून पर ही रोक लगा दी गई तो यह व्यवस्था खत्म होनी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में लालचंद कुशवाहा, विजय पाल, रामचंद्र सोनकर, संजीर आलम आदि शामिल थे।

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