कंपोस्ट खाद बनाने के लिए एमआरएफ सेंटर तैयार

स्वच्छ भारत मिशन के तहत नैनी और झूंसी क्षेत्रों में एमआरएफ सेंटर बनकर तैयार हो गए हैं। इन सेंटरों में गीले कचरे से कंपोस्ट खाद तैयार की जाएगी। इन कंपोस्ट खादों को किसानों को बेचने की भी तैयारी नगर निगम प्रशासन की है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 07:34 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 07:34 PM (IST)
कंपोस्ट खाद बनाने के लिए एमआरएफ सेंटर तैयार
कंपोस्ट खाद बनाने के लिए एमआरएफ सेंटर तैयार

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : स्वच्छ भारत मिशन के तहत नैनी और झूंसी क्षेत्रों में एमआरएफ सेंटर बनकर तैयार हो गए हैं। इन सेंटरों में गीले कचरे से कंपोस्ट खाद तैयार की जाएगी। इन कंपोस्ट खादों को किसानों को बेचने की भी तैयारी नगर निगम प्रशासन की है।

निगम की ओर से नैनी और झूंसी क्षेत्रों में करीब 33-33 लाख रुपये की लागत से एमआरएफ सेंटर बनवाए गए हैं। इन सेंटरों में खाद प्रोसेसिंग उपकरण लगवाने के लिए शासन से बजट की मांग की गई है। बजट मिलने पर उपकरण लगवाए जाएंगे और फिर कंपोस्ट खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी। शहरी और झूंसी क्षेत्रों में प्रतिदिन निकलने वाले मिक्स कचरे की छटाई करने के बाद गीले कचरे की कंपोस्ट खाद तैयार की जाएगी। एजेंसी के चयन पर भी मंथन

एमआरएफ सेंटरों में कचरे की छटाई और कंपोस्ट खाद तैयार करने के लिए एजेंसी के चयन पर भी निगम प्रशासन में मंथन चल रहा है। इस पर भी विचार हो रहा है कि निगम अपने कर्मचारियों से यह काम करा सकता है अथवा नहीं। जल्द ही इस मसले पर निर्णय होने की उम्मीद है। प्रतिदिन कितना निकलता है कचरा

शहर में प्रतिदिन करीब 500 से 550 टन कचरा निकलता है। हालाकि, इसमें हर तरह के कूड़े शामिल होते हैं। फिर भी माना जा रहा है कि इसमें करीब 50 फीसद कचरा मिक्स रहता है। ऐसे में करीब 250 से 275 टन कचरे की कंपोस्ट खाद हर रोज तैयार होने की उम्मीद है। पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार वर्मा का कहना है कि खाद प्रोसेसिंग उपकरणों को लगाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। जैसा निर्देश होगा, आगे कार्रवाई होगी।

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