MLA Report Card:...तो क्या जनता नहीं देख पा रही है विकास की गंगा, विधायक तो कुछ और ही कहती हैं

MLA Report Card कठौली ग्रामसभा के मजरा जनवार में भी बाढ़ सिरदर्द बनती है। विधायक निधि से 12 लाख रुपये की लागत से जनवार नाले पर पुलिया निर्माणाधीन है। इस बार पुलिया से तीन मीटर ऊपर तक पानी आ गया। अब इसकी ऊंचाई बढ़ाए जाने की कवायद है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 29 Aug 2021 11:39 PM (IST) Updated:Mon, 30 Aug 2021 07:27 AM (IST)
MLA Report Card:...तो क्या जनता नहीं देख पा रही है विकास की गंगा, विधायक तो कुछ और ही कहती हैं
विधायक नीलम करवरिया कहती हैं कि विधायक निधि से पिछले साढ़े चार साल में ढेरों काम कराए गए हैैं।

प्रयागराज, गुरुदीप त्रिपाठी। प्रयागराज के मेजा विधान सभा क्षेत्र में विकास की गंगा तो बही लेकिन नजर नहीं आई। विधायक नीलम करवरिया कहती हैं कि विधायक निधि से पिछले साढ़े चार साल में ढेरों काम कराए गए हैैं, पर सच्चाई यह है कि न तो जाम का झाम खत्म हुआ न संपर्क मार्ग पर हिचकोले कम हुए। हमने जनता की जुबानी जानने की शुरुआत की टोंस नदी के किनारे बसे बलुहा गांव से। यहां जलनिकासी की समस्या सबसे बड़ी है। कुछ दिन पहले बाढ़ में अमिलिहा खुर्द गांव टापू में तब्दील हो गया था। सड़कों पर नाव चल रही थी।

मेजा विधान सभा के आंकड़े

कुल मतदाता : 317700

पुरुष मतदाता : 175045

महिला मतदाता : 142634

नाले पर पुलिया निर्माणाधीन है

कठौली ग्रामसभा के मजरा जनवार में भी बाढ़ सिरदर्द बनती है। विधायक निधि से 12 लाख रुपये की लागत से जनवार नाले पर पुलिया निर्माणाधीन है। इस बार पुलिया से तीन मीटर ऊपर तक पानी आ गया। अब इसकी ऊंचाई बढ़ाए जाने की कवायद है। टोंस नदी के किनारे बरसैता गांव में मेजा रोड वाया बरसैता-कोहड़ार मार्ग पहुंचते हैं। यह मार्ग एनटीपीसी को जोड़ता है। इस गांव में बाढ़ ने कोहराम मचाया था। दो ट्रक बाढ़ के पानी की जद में आ गए थे।

हैंडपंप लोगों की जरूरतों काे पूरा नहीं कर पा रहे

अब यदि जिक्र किया जाए मेजा रोड चौराहे का तो यहां से जानकीगंज तक 500 बीघे की फसल जलनिकासी की समस्या से डूबकर बर्बाद हो गई। आधा दर्जन घरों में पानी घुस गया और दो कच्चे मकान धाराशायी भी हो गए। इस विधानसभा क्षेत्र से यदि लोग गुजरते हैं तो सरकारी अमले के साथ सूबे की सियासत को कोसना नहीं भूलते। समूचे मेजा विधानसभा क्षेत्र में 431 हैंडपंप लगवाए गए हैैं लेकिन यह जरूरत के लिहाज से नाकाफी हैं।

कोरोना काल में स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था की खुली पोल

कोरोना की पहली और दूसरी लहर में स्वास्थ्य विभाग के ढांचे की असलियत भी खुल गई। मामूली इलाज के लिए लोगों को जिला मुख्यालय के चक्कर काटने पड़ते हें। मेजा विधानसभा क्षेत्र का 60 फीसद क्षेत्र पहाड़ी इलाका है। इसके अलावा मेजा में कोई भी कल करखाना नहीं है। इस लिहाज से बेरोजगारी की समस्या भी अधिक है। वाराणसी जाने के लिए लोगों को शहर होकर जाना पड़ता है। हालांकि, अब उनकी समस्या दूर करने की कवायद की जा रही है। गंगा नदी पर मदरा टेला के पास पुल प्रस्तावित है। इस पुल का निर्माण हो जाने से लोग सीधे वाराणसी का सफर तय कर सकेंगे। वह भी कम समय में। विधायक कहती हैं अड़चनें दूर कराकर इसी साल के अंत तक पुल का निर्माण करा दिया जाएगा।

विधायक नीलम करवरिया ने कहा

चुनाव से पहले मैंने कहा था विवाद नहीं विकास चाहिए। 431 हैंडपंप लगवाए गए, प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में शुद्ध पेयजल के लिए 54 वाटर कूलर लगवाया। क्षेत्र में 261 से अधिक मार्गों का निर्माण कराने के साथ ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना से 14 हजार आवास आवंटित किए गए। इतना ही नहीं 68 हजार शौचालय बनवाए गए। गरीब मरीजों के इलाज के लिए दो करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए। रेलवे लाइन पार करने के लिए मेजा रोड, बिसहिजन, उरुवा, दिघिया और बामपुर पर रेलवे क्रासिंग का निर्माण कराया। ग्रामसभा जनवार कठौली के मध्य मुख्य मार्ग पर 85 लाख की लागत से पुलिया निर्माण प्रगति पर है। प्रत्येक घर को नल से जल मिले इसके लिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत पाइप लाइन बिछाने का काम प्रगति पर है। भवानीपुर में 1.30 करोड़ की लागत से गोशाला बनवाई गई। बिजली समस्या का निराकरण कराया गया। कई स्कूलों को माडल स्कूल बनाया। केवल दो कार्य शेष हैं। यह है गंगा नदी पर मदरा टेला पर पुल और मेजा कताई मिल को शुरू कराना।

सुपर स्‍पेशियलिटी अस्‍पताल का वादा अधूरा : रामसेवक पटेल

विधान सभा चुनाव 2017 में नीलम करवरिया की निकटतम प्रतिद्वंदी रामसेवक पटेल कहते हैं कि बरहाकला व पौसिया चौहान गांव में सरकारी मद से अस्पताल भवन तो बनवाया गया लेकिन वह अस्पताल संचालित नहीं किया जा रहा है। मेजा के गिराही गांव में सपा सरकार में दिव्यांग विश्वविद्यालय का निर्माण कराया गया था। भाजपा की साढ़े चार साल की सरकार में अभी तक उसे चालू नहीं किया जा सका है। प्रशासनिक सेवा की तैयारी के लिए कोचिंग, उरुवा में मिनी स्टेडियम और 100 बेड का सुपरस्पेशिएलिटी अस्पताल और पोस्टमार्टम हाउस बनवाने का वादा अधूरा है।

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