Memory of Jaswant Singh : किसी भी मसौदे का एक-एक शब्द पढ़ते थे जसवंत सिंह Prayagraj News
Memory of Jaswant Singh पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का निधन हो गया। उनसे जुड़ीं यादें ताजा करते हुए केसरी नाथ त्रिपाठी ने बताया कि वर्ष 2000 में भारत सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के नेतृत्व में पेरिस गया था।
प्रयागराज,जेएनएन। देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह राजनीतिक और सामाजिक मामले में खास नजरिया रखते थे। वह किसी भी मसौदे का एक-एक शब्द पढ़ते थे। पार्टी को मजबूत बनाने में उनका विशेष योगदान रहा। आम तौर पर वह संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं से बहुत ही आत्मीय होकर मिलते थे। यह कहना है पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल पं. केसरी नाथ त्रिपाठी का।
किसी भी मामले को बहुत ही संजीदगी से लेते थे
रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का निधन हो गया। उनके निधन पर भाजपाइयों ने गहरा दुख व्यक्त किया। उनसे जुड़ीं यादें ताजा करते हुए केसरी नाथ त्रिपाठी ने बताया कि वर्ष 2000 में भारत सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के नेतृत्व में पेरिस गया था। उस समय मैं भी विधायकों का प्रतिनिधिमंडल लेकर वहीं गया था। भारतीय दूतावास में मेरी उनसे मुलाकात हुई। उसी समय यूनाइटेड नेशन में भारत का पक्ष रखते हुए उन्हें एक प्रस्ताव रखना था। उसका मसौदा विदेश मामलों के विशेषज्ञ सचिव बना रहे थे लेकिन जसवंत सिंह ने उस मसौदे को ठीक तरह से समझकर उसके प्रभाव पर चर्चा करने के बाद ही प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया। वह किसी भी मामले को बहुत ही संजीदगी से लेते थे।
विदेश नीति के गहरे जानकार थे जसवंत सिंह
केसरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि अपनी लिखी पुस्तक उन्होंने मुझे भेजी और उसपर राय भी मांगी थी। इसी क्रम में प्रदेश सरकार के पूर्व उच्च शिक्षामंत्री नरेंद्र कुमार सिंह गौर ने उन्हे विदेश नीति का गहरा जानकार बताया। फूलपुर सांसद केशरी देवी पटेल, विधायक हर्षवर्धन, नरेंद्र देव पांडेय, राजेंद्र मिश्र, भाजपा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी, संगठन के विधि प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र संयोजक देवेंद्र नाथ मिश्र, राजेश केसरवानी आदि ने शोक संवेदना जताई है।