प्रयागराज के Mayo Hall की अंग्रेजी हुकूमत से जुड़ी हैं यादें, यहां बने प्रस्‍ताव से बालिका शिक्षा व चिकित्‍सा सुविधा शुरू हुई

प्रयागराज में म्‍योहाल के भवन का प्रयोग अंग्रेज अफसर अपने मनोरंजन के लिए करते थे। यहां पर वे नाट्य मंचन करते थे। बैडमिंटन टेबल टेनिस लॉन टेनिस आदि खेलने की व्यवस्था थी। इसके चलते आजाद भारत में 1974 के आसपास इसमें इनडोर खेलों को प्रशिक्षण देने का निर्णय हुआ।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 09:43 AM (IST) Updated:Sat, 20 Feb 2021 09:43 AM (IST)
प्रयागराज के Mayo Hall की अंग्रेजी हुकूमत से जुड़ी हैं यादें, यहां बने प्रस्‍ताव से बालिका शिक्षा व चिकित्‍सा सुविधा शुरू हुई
म्‍योहाल के भवन का प्रयोग अंग्रेज अफसर अपने मनोरंजन के लिए करते थे।

प्रयागराज, जेएनएन अमिताभ बच्चन स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स (म्योहाल) में आज भले ही खेलों का प्रशिक्षण दिया जाता है लेकिन एक समय यहां विधानमंडल की बैठक हुआ करती थी जिसमें कई प्रस्ताव भी पारित हुए थे। नार्थ वेस्टर्न प्राविंस एंड अवध लेजिस्लेटिव कौंसिल की बैठकों में दलितों व बालिका शिक्षा के अलावा हर वर्ग को चिकित्सा और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रस्ताव लाए गए थे। अल्फ्रेड लॉयल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राजा प्रताप नारायण सिंह ने इन प्रस्तावों को सदन के पटल पर रखा था जिन पर सदस्यों के बीच व्यापक चर्चा के बाद अमल करने पर भी जोर दिया गया था। कहा जाता है कि म्‍योहाल में बने इन्‍हीं प्रस्‍तावों के आलोक में भारत में बालिका शिक्षा को बढावा और सभी वर्ग को चिकित्‍सा सुविधा देने की शुरूआत हुई।

नार्थ वेस्टर्न प्राविंसेज कौंसिल की तीन बैठकें म्योहाल में हुई थीं

भारत में ब्रिटिश शासनकाल में प्रदेश की विधानमंडल की बैठक इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में भी हुआ करती थी। पहली बैठक आठ जनवरी 1887 में थार्नहिल मेमोरियल हाल में हुई थी वहीं 1890 के आसपास लेजिस्लेटिव काउंसिल फार द नार्थ वेस्टर्न प्रोविंसेज एंड अवध की तीन बैठकें म्योहाल (अमिताभ बच्चन स्पोर्ट्स कांप्लेक्स) में हुई थी। तब विधानमंडल सदस्य रहे पंडित अयोध्यानाथ पाठक, राजा प्रताप नारायण सिंह, मौलवी सैयद अहमद खान, राय बहादुर दुर्गा प्रसाद, टी. कोनलन, जे.डब्ल्यू क्विंटन, जे. वुड बर्न, एमए मैकेंजी और जीई नाक्स ने पेश प्रस्तावों पर व्यापक चर्चा की थी।

गवर्नर जनरल लार्ड म्योर की स्मृति में बनाया गया था म्योहाल

म्योहाल का निर्माण भारत के गवर्नर जनरल लार्ड म्योर की स्मृति में हुआ था। इतिहासकार प्रो. विमल चंद्र शुक्ला बताते हैं कि 1872 में अंडमान में एक क्रांतिकारी ने म्योर की हत्या कर दी थी। उन्हीं की स्मृति में 1879 में इस इमारत को बनाया गया था। तत्कालीन वायसराय लार्ड लिटिन ने आधारशिला रखी थी। तकरीबन पांच साल में बना था जिस पर एक लाख 85 हजार रुपये खर्च किए गए थे। इस भवन का प्रयोग अंग्रेज अफसर अपने मनोरंजन के लिए करते थे। यहां पर वे नाट्य मंचन करते थे। बैडमिंटन, टेबल टेनिस, लॉन टेनिस आदि खेलने की व्यवस्था थी। इसके चलते आजाद भारत में 1974 के आसपास इसमें इनडोर खेलों को प्रशिक्षण देने का निर्णय हुआ।

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