यूपी के परिषदीय स्कूलों के बच्चों को कोरोना से लडऩे का मंत्र देगा मीना मंच, बालिकाओं को भी सजग करेगा
जिला समन्वयक प्रशिक्षण डॉ. विनोद मिश्र ने बताया कि स्कूलों के वाट्स्एप ग्रुप में मीना की चिट्ठी व अन्य जागरूकता संबंधी जानकारी भेजी जा रही है। प्रेरक मीना का चयन अभी सभी स्कूलों में नहीं हुआ है। जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के परिषदीय स्कूलों के विद्यार्थियों को भी कोरोना से लडऩे का मंत्र मिलेगा। यह मंत्र मीना मंच की टोली ऑनलाइन देगी। जरूरत के अनुसार आफलाइन भी संपर्क करेगी। बच्चों को समाज की अन्य कुरीतियों के प्रति भी जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं को लैंगिक अपराध से बचने के भी तरीके बताए जाएंगे।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा का यह है निर्देश
स्कूलों में प्रेरक मीना व पॉवर एंजिल का भी चुनाव किया जाएगा। इस संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से सभी खंड शिक्षाधिकारी, जिला समन्वयक बालिका शिक्षा, स्टेट रिसोर्स पर्सन (एसआरजी), तथा अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) को भी दिशा निर्देश दिए गए हैं।
जिला समन्वयक ने कहा कि जागरूकता की तैयारी की जा रही है
जिला समन्वयक प्रशिक्षण डॉ. विनोद मिश्र ने बताया कि स्कूलों के वाट्स्एप ग्रुप में मीना की चिट्ठी व अन्य जागरूकता संबंधी जानकारी भेजी जा रही है। प्रेरक मीना का चयन अभी सभी स्कूलों में नहीं हुआ है। जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इस मीना मंच में एक तिहाई बालक भी रहेंगे। इस बार बच्चों को कोरोना के प्रति सतर्क रहने की भी सीख दी जाएगी। बताया जाएगा कि वह समय समय पर हाथ धुलते रहें।
मीना मंच की टोली बच्चों को करेगी जागरूक
बच्चों को एक दूसरे से शारीरिक दूरी बनाकर रहने और सैनिटाइजर का प्रयोग करने की सलाह दी जाएगी। जिला समन्वयक प्रशिक्षण ने कहा कि छीकते, खांसते समय मुंंह व नाक पर रुमाल जरूर रखें। बुखार, खांसी व सांस लेने में कठिनाई हो तो डॉक्टर के पास तुरंत जाएं। बाहर निकलें तो मास्क भी पहनें। भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। परिवार के सभी सदस्यों को कोरोना का टीका लगवाने के लिए प्रेरित करें। चयनित मीना मंच की टोली यह भी बताएगी कि खासी, बुखार हो तो किसी के संपर्क में न आएं। आंख नाम या मुंह को बार-बार न छुएं। सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें।
कविता व गीत से करेंगे सजग
मीना मंच के सदस्य सहपाठियों को कविता व गीत के जरिए जागरूक बनाएंगे। प्रात:काल योग व प्राणायाम की सीख देंगे। घर के कार्यों में सहयोग करने, साफ सफाई, पौधे लगाने उनमें पानी देने, अपनी हर बात को माता पिता व बड़ों के समक्ष रखने की नसीहत देने के साथ ही क्राफ्ट, चित्रकला, कबाड़ से जुगाड़ जैसी गतिविधियों को अपनाकर सृजनात्मकता से भी जोडऩे का प्रयास किया जाएगा।