MDM: स्कूल से कार्यमुक्त फिर भी एमडीएम का संचालन, कौशांबी जनपद में हो रहा खेल

प्रधानाध्यापक सुधांशु प्रकाश को का चयन एआरपी पद के लिए हुआ है। इसके बाद से इनको विद्यालय से कार्य मुक्त कर दिया गया। वह इन दिनों परियोजना कार्यालय में तैनात है। इसके बाद भी सुधांशु प्रकाश विद्यालय के एमडीएम खाते का संचालन कर रहे हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 09:00 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 10:23 AM (IST)
MDM: स्कूल से कार्यमुक्त फिर भी एमडीएम का संचालन, कौशांबी जनपद में हो रहा खेल
स्कूल से कार्यमुक्त होने के बाद भी मिड डे मील संचालन की हो रही गड़बड़ी

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। परिषदीय विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए शासन ने हर ब्लाक से पांच-पांच शिक्षकों को एआरपी (एकेडमिक रिसोर्स पर्सन) पद की जिम्मेदारी सौंपी है। सभी को इस जिम्मेदारी के साथ ही विद्यालयों से कार्य मुक्त कर दिया गया है। उनकी नई तैनाती जिला परियोजना कार्यालय में की गई है। यहीं से सभी को ब्लाक क्षेत्र में शैक्षिक गुणवत्ता संवर्धन के कार्यों का संचालन करना है।

बिना स्कूल गए पहुंचा रहे मिड डे मील

कौशांबी विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय व पूर्व माध्यमिक विद्यालय छेकवा को कंपोजिट विद्यालय बनाया गया है। यहां पर तैनात रहे प्रधानाध्यापक सुधांशु प्रकाश को का चयन एआरपी पद के लिए हुआ है। इसके बाद से इनको विद्यालय से कार्य मुक्त कर दिया गया। वह इन दिनों परियोजना कार्यालय में तैनात है। इसके बाद भी सुधांशु प्रकाश विद्यालय के एमडीएम खाते का संचालन कर रहे हैं। बिना विद्यालय गए ही वह एमडीएम के तहत फल, दूध, सब्जी आदि विद्यालय पहुंचा रहे हैं। इतना ही नहीं यह प्रतिदिन की एमडीएम की उपस्थिति भी शासन को भेजते हैं। विद्यालय के शिक्षकों ने इसका विरोध किया, लेकिन अपने प्रभाव का प्रयोग करते हुए यह सालों से विद्यालय में एमडीएम का संचालन कर रहे हैं। ग्रामीणों ने अब इसका विरोध शुरू कर दिया है।

विद्यालय नहीं जाते एसआरजी

परिषदीय विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता को नए प्रयोगों से बेहतर किया जाना है। इसके लिए जिले में तीन राज्य संदर्भ दाता समूह के सदस्यों का चयन किया गया है। इनकी जिम्मेदारी है कि यह विभागीय मीटिंग व प्रशिक्षण आदि के दौरान शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण के द्वारा दक्ष करें। यह कार्य महीने के दस कार्य दिवस (यदि कोई विशेष अभियान नहीं चल रहा है) में होना है। अन्य दिनों में एसआरजी विद्यालय पहुंचकर शिक्षण कार्य करें, लेकिन एसआरजी विद्यालय नहीं जाते। जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है।

बीएसए ने यह बताया

यदि एआरपी व एसआरजी लापरवाही कर रहे हैं तो संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी से इनके संबंध में रिपोर्ट मांगी जाएगी। यदि आरोप सही मिले तो इनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

- प्रकाश सिंह, बीएसए कौशांबी

chat bot
आपका साथी