घूरपुर के लिए भी ---- मांझे से कर्मी का गला कटा, इलाज के दौरान मौत

लचर व्यवस्था और जिम्मेदारों की लापरवाही ने फिर एक शख्स की जान ले ली। प्रतिबंध के बावजूद चाइनीज मांझे की बिक्री और उपयोग खतरनाक साबित हो रहा है। नए यमुना पुल पर मांझे की चपेट में आने से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 38 वर्षीय तीरथनाथ का गला जख्मी हो गया था जिससे उसकी मौत हो गई। कीडगंज पुलिस ने स्वजनों से पूछताछ के बाद अज्ञात के खिलाफ मुकदमा कायम किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 07:23 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 07:23 PM (IST)
घूरपुर के लिए भी ---- मांझे से कर्मी का गला कटा, इलाज के दौरान मौत
घूरपुर के लिए भी ---- मांझे से कर्मी का गला कटा, इलाज के दौरान मौत

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : लचर व्यवस्था और जिम्मेदारों की लापरवाही ने फिर एक शख्स की जान ले ली। प्रतिबंध के बावजूद चाइनीज मांझे की बिक्री और उपयोग खतरनाक साबित हो रहा है। नए यमुना पुल पर मांझे की चपेट में आने से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 38 वर्षीय तीरथनाथ का गला जख्मी हो गया था, जिससे उसकी मौत हो गई। कीडगंज पुलिस ने स्वजनों से पूछताछ के बाद अज्ञात के खिलाफ मुकदमा कायम किया।

सिविल लाइन के तेज बहादुर सप्रू रोड स्थित जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय परिसर में पत्नी मालती व बच्चों के साथ रहने वाले तीरथनाथ खुल्दाबाद में किशोर संप्रेक्षण गृह में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। स्वजन ने बताया कि बुधवार को वह किसी काम से घूरपुर गए थे। शाम को बाइक से लौट रहे थे। गला जख्मी होने पर उन्हें पहले निजी और फिर स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां इलाज के दौरान मौत हो गई। इंस्पेक्टर कीडगंज सुनील कुमार बाजपेयी का कहना है कि मुकदमा दर्ज जांच की जा रही है। कंप्यूटर आपरेटर समेत कई हो चुके जख्मी : कुछ दिन पहले डीएसए ग्राउंड रेलवे ओवर ब्रिज पर मांझे की चपेट में आने से नगर निगम के कंप्यूटर आपरेटर बेनीगंज निवासी नीतेश कुशवाहा का भी गला जख्मी हुआ था। अलोपीबाग फ्लाईओवर पर शिक्षक का गला भी जख्मी हुआ था। खतरनाक मांझे की चपेट में आने से ज्यादा नए यमुना पुल पर हताहत हुए। प्रतिबंध के बावजूद होती है बिक्री : चाइनीज मांझे पर हाई कोर्ट प्रतिबंध लगाया जा चुका है। इसके बावजूद मुट्ठीगंज, कीडगंज, कोतवाली, कर्नलगंज की अधिकांश दुकानों पर चाइनीज मांझे की बिक्री होती है। चौंकाने वाली बात यह है कि जब कोई हादसा होता है तब पुलिस जागती है। मगर कुछ दिन बाद फिर कार्रवाई ढांक के तीन पात की तरह हो जाती है।

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