Yoga Day: घुटने में 17 साल तक झेलती रहीं दर्द , योग ने छह माह में ही कर दिया कमाल

मन में ठान लिया कि इसे बिना दवा के ठीक करेंगी। पति के साथ मार्निंग वाक पर जाने लगीं। एक एनसीजेडसीसी के बाहर योग और प्राणायाम का बोर्ड देखा। वहां गईं तो पता चला योग सिखाया जाता है। 11 नवंबर 2019 को वहीं योग प्रशिक्षण कार्यशाला को ज्वाइन कर लिया।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 07:00 AM (IST)
Yoga Day: घुटने में 17 साल तक झेलती रहीं दर्द , योग ने छह माह में ही कर दिया कमाल
डाक्टरों ने इसे गठिया की शुरुआत बता दी लेकिन, योग ने छह महीने में ही मर्ज छू मंतर कर दिया।

प्रयागराज, जेएनएन। पूरे 17 साल तक घुटने में दर्द की जिस समस्या ने अशोक नगर निवासी रेल कर्मी ममता श्रीवास्तव को सताए रखा उसे दूर करने में योग दवा से ज्यादा कारगर रहा। दाहिने घुटने में दो बार लगी चोट ने उनका उठना बैठना दुश्वार कर दिया था। दो डाक्टरों ने इसे गठिया की शुरुआत तक बता दी लेकिन, योग ने छह महीने में ही मर्ज छू मंतर कर दिया।

रेलकर्मी ममता श्रीवास्तव की पटरी पर लौटी जिंदगी

अशोक नगर में पंचपुष्प अपार्टमेंट निवासी केएस लाल की पत्नी 55 वर्षीय ममता, सूबेदारगंज स्थित उत्तर मध्य रेलवे के मुख्यालय में ईक्यू (इन्क्वायरी कम कोटा रिजर्वेशन) में कर्मचारी हैं। 2003 में स्कूटी से सड़क पर गिरने से दाहिने घुटने में चोट लगी थी। इलाज कराया लेकिन कोई फायदा नहीं पहुंचा। घुटना मोडऩे में उन्हें ज्यादा तकलीफ होने लगी। एक समय ऐसा भी आया कि पालती मारकर बैठ नहीं पाती थीं। करीब छह साल पहले घर में ही गिरने से दुबारा उसी घुटने में चोट लगी, फिर तो जिंदगी कठिन रास्ते पर चलती नजर आने लगी। एक बार किसी तरह से बैठ जातीं तो उठ नहीं पाती थीं। पहले तो डा. कुलश्रेष्ठ को दिखाया फिर रेलवे में डा. अशोक को। इनसे पता चला कि आस्ट्रो आर्थराइटिस यानी गठिया की शुरुआत हो चुकी है। मन में ठान लिया कि इसे बिना दवा के ठीक करेंगी। पति के साथ मार्निंग वाक पर जाने लगीं। एक दिन उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के बाहर योग और प्राणायाम का बोर्ड लगा देखा। वहां गईं तो पता चला योग सिखाया जाता है। 11 नवंबर 2019 को वहीं योग प्रशिक्षण कार्यशाला को ज्वाइन कर लिया। नियमित रूप से जाने लगीं और योग, प्राणायाम, साधना, टीम के साथ तरह-तरह के आसन शुरू किए। छह महीने में ही आराम नजर आया।

वज्रासन का मिला लाभ

ममता बताती हैं कि शुरुआत में सूक्ष्म व्यायाम किया। फिर वज्रासन तक पहुंचीं। वज्रासन करने में काफी कठिनाई हुई लेकिन उसी से फायदा भी मिला। घर में भी योगाभ्यास करती थीं। कोरोना के चलते लाकडाउन हुआ तो योग प्रशिक्षिका ने आनलाइन अभ्यास कराया। अब पूरी तरह से फिट हैं। न कोई दवा खाई न अब डाक्टर के पास जाने की जरूरत पड़ती है।

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