Narendra Giri का सुसाइड नोट बना है पहेली, शिष्य बोले नहीं पहचानते गुरुजी की राइटिंग

महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट की उलझी गुत्थी नहीं सुलझ पा रही है। पुलिस ने सुसाइड नोट को फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा है क्योंकि इस केस में यह पुख्ता होना बाकी है कि सुसाइड नोट महंत नरेंद्र गिरि द्वारा लिखा गया है या नहीं।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 12:34 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 12:34 PM (IST)
Narendra Giri का सुसाइड नोट बना है पहेली, शिष्य बोले नहीं पहचानते गुरुजी की राइटिंग
पुलिस ने बलवीर समेत कइयों से सुसाइड नोट की राइटिंग के बारे में पूछा

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस की जांच लगातार चल रही है। इस घटना की तहकीकात करने के लिए गठित एसआइटी के सामने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की बात आने के बाद  भी महंत का सुसाइड नोट पहेली बना हुआ है। वजह यह कि तकरीबन हर करीबी शख्स और तमाम साधु संत ने सुसाइड नोट को फर्जी करार दे दिया है। सुसाइड नोट में दो अलग लिखावट और अलग स्याही के इस्तेमाल और अलग-अलग तारीख ने इसे रहस्यमयी वस्तु बनाकर रख दिया है। पुलिस के सामने एक और मुश्किल यह है कि महंत की राइटिंग को भी उनके करीबियों ने ही पहचानने से इन्कार कर दिया है। यानी कहा जा सकता है कि इस घटना में सुसाइड नोट की गुत्थी को सुलझाना ही अब सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। 

महंत द्वारा उत्तराधिकारी बलवीर ने भी नहीं पहचानी लिखावट

इस केस की सीबीआइ जांच शुरू होने से पहले अब एसआइटी के सामने महंत की हैंड राइटिंग और सुसाइड नोट की लिखावट का मिलान कराना बड़ा काम है। एसआइटी ने बलवीर समेत कइयों को सुसाइड नोट दिखाया। पूछा कि ये राइटिंग महंत की ही है या नहीं, जिस पर बलवीर ने कहा कि वह गुरुजी की राइटिंग नहीं पहचानते। साथ ही अन्य ने भी यही जवाब देते हुए कहा कि कभी गुरुजी ने उनके सामने कुछ लिखा ही नहीं। ऐसे में अब कई सवाल फिर खड़े हो गए हैं। उनमें प्रमुख सवाल यही है कि क्या सुसाइड नोट किसी और ने  लिखा था।

फोरेंसिक जांच से रहस्य होगा बेनकाब

महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद कमरे में मिले सुसाइड नोट की उलझी गुत्थी नहीं सुलझ पा रही है। पुलिस ने सुसाइड नोट को फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भिजवाया है। हालांकि, इससे पहले पुलिस यहां भी यह पुख्ता कर लेना चाहती है कि सुसाइड नोट महंत नरेंद्र गिरि द्वारा लिखा गया है या नहीं। सूत्रों के मुताबिक बुधवार शाम पुलिस ने बलवीर से इस बारे में पूछा तो बताया गया कि गुरुजी की राइटिंग नहीं पहचानते हैं। मठ में रहने वाले कुछ सेवादारों से भी इस बारे में पूछा गया तो उनका भी यही जवाब था। उधर, पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरि के सुरक्षाकर्मियों, चालक से भी इस बारे में पूछताछ की तो बताया गया कि उन्होंने गुरुजी को कभी लिखते हुए देखा नहीं था। वे कोई भी आदेश बोलकर देते थे। मंगलवार से लेकर बुधवार शाम तक 32 लोगों से इस बारे में पूछा जा चुका है और सभी का यही जवाब है कि वे गुरुजी की राइटिंग को नहीं पहचानते।

chat bot
आपका साथी