Mahant Narendra Giri: सुलह तो हुई पर नरेंद्र गिरि और शिष्य आनंद गिरि में आपसी तल्खी थी कायम
Mahant Narendra Giri परिवार से संपर्क रखने व गुरु के खिलाफ साजिश करने के आरोप में स्वामी आनंद गिरि को श्रीनिरंजनी अखाड़ा ने 14 मई 2021 को निष्कासित कर किया था। इनका निष्कासन महंत नरेंद्र गिरि की शिकायत पर किया गया। सुलह हुई पर गुरु-शिष्य के दिल नहीं मिले।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि व उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच कुछ लोगों की मध्यस्तता से सुलह जरूर हो गया था, लेकिन उनके दिल नहीं मिले। न पहले जैसी आत्मीयता थी, न ही विश्वास। गुरु-शिष्य के बीच तल्खी लगातार बनी रही। सिर्फ खुलकर एक-दूसरे के खिलाफ बयान देना बंद कर दिया था। यही वजह है कि आनंद गिरि गुरु पूर्णिमा पर प्रयागराज नहीं आए। सुलह के समय 26 मई 2021 को आनंद गिरि ने गुरु से बिना शर्त माफी मांगने के बाद गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूजन के लिए श्री मठ बाघम्बरी गद्दी आने की बात कही थी, लेकिन गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूजन के लिए नहीं आए।
आनंद गिरि ने यह कहा था
आनंद गिरि का कहना था कि 'सुलह के समय गुरु नरेंद्र गिरि ने उनसे कई वादे किए थे, जिस पर खरे नहीं उतरे। उन्होंने वादे के अनुरूप कुछ नहीं किया, ऐसे में गुरु पूजन के लिए वो नहीं आए।' परिवार से संपर्क रखने व गुरु के खिलाफ साजिश करने के आरोप में स्वामी आनंद गिरि को श्रीनिरंजनी अखाड़ा ने 14 मई 2021 को निष्कासित कर किया था। इनका निष्कासन महंत नरेंद्र गिरि की शिकायत पर किया गया। फिर महंत नरेंद्र गिरि ने उन्हेंं श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी व बड़े हनुमान जी मंदिर की व्यवस्था से निष्कासित कर दिया था।
आनंद गिरि ने बिना शर्त गुरु नरेंद्र गिरि से मांगी थी माफी
निष्कासन के बाद आनंद गिरि ने गुरु पर जमीन बेचने व कुछ विद्यार्थियों का करोड़ों का मकान बनवाने का आरोप लगाया था। गुरु-शिष्य के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर कई दिनों तक चला। फिर नरेंद्र गिरि के एक शिष्य के लखनऊ स्थित निवास में 26 मई को गुरु-शिष्य की मुलाकात हुई। आनंद गिरि ने गुरु नरेंद्र गिरि से बिना शर्त माफी मांगी थी। नरेंद्र गिरि ने उन्हेंं माफ करके गुरु पूर्णिमा पर श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में आकर गुरु पूजन करके लौटने की अनुमति दी थी।