Mahant Narendra Giri Death Case: प्रयागराज में सीबीआइ ने शुरू की पड़ताल, श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में काफी देर छानबीन व पूछताछ
Mahant Narendra Giri Death Case सीबीआइ की टीम शनिवार शाम करीब चार बजे अल्लापुर के श्री मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंच गई। सीबीआइ के आइजी विप्लव चौधरी जांच अधिकारी एएसपी केएस नेगी और उनकी टीम ने तीन गाड़ियों से पुलिस फोर्स के साथ मठ पहुंचकर छानबीन शुरू की।
प्रयागराज, जेएनएन। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की 20 सितंबर को प्रयागराज में संदिग्ध मृत्यु की जांच की कमान देश की शीर्ष जांच एजेंसी सीबीआइ ने संभाल ली है। सीएम योगी आदित्यनाथ के बीते बुधवार को महंत की मृत्यु की सीबीआइ जांच की संस्तुति की थी। इसमें केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय ने तत्परता दिखाई और गुरुवार रात नई दिल्ली में सीबीआइ ने केस दर्ज किया। इसके बाद टीम के कुछ सदस्य शुक्रवार रात प्रयागराज पहुंच गए।
महंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध मृत्यु की जांचअपने हाथ में लेने के बाद सीबीआइ की टीम शनिवार शाम करीब चार बजे अल्लापुर के श्री मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंच गई। सीबीआइ के आइजी विप्लव चौधरी, जांच अधिकारी एएसपी केएस नेगी और उनकी टीम ने तीन गाड़ियों से पुलिस फोर्स के साथ मठ पहुंचकर छानबीन शुरू की।
सीबीआइ की एक टीम पहले महंत की समाधि स्थल पहुंचकर मुआयना किया तो दूसरी टीम मठ के कमरों में गई। इसके बाद छतों पर पहुंची टीम ने मठ की भौगोलिक स्थिति का जायजा लेते हुए नजरी नक्शा बनाया। इस दौरान कई संतों से एक कमरे में घटना की जानकारी लेते हुए सीबीआइ टीम ने उनसे लम्बी पूछताछ की।
सीबीआइ की एक टीम ने सेवादार बबलू, सुमित और धनंजय से पूछताछ की। इस दौरान टीम बबलू को अपने साथ लेकर महंत के उस कमरे के बाहर ले गई, जहां उन्होंने कथित तौर पर आत्महत्या की थी। टीम ने मठ की पहली मंजिल पर बने कमरों, छतों और पार्किंग स्थल, गोशाला समेत दूसरे स्थान का भी जायजा लिया।
एसआइटी से सीबीआइ ने केस लिया
इससे पहले पुलिस लाइन में सीबीआइ ने प्रयागराज पुलिस की एसआइटी से केस को टेकओवर किया और फिर पुलिस लाइन के सभागार में अधिकारियों के साथ करीब साढ़े तीन घंटे तक बैठक की। इस दौरान पुलिस अधिकारियों से लेकर एसआइटी के अध्यक्ष व दूसरे सदस्यों से भी घटना के संबंध में जानकारी ली और अब तक की कार्रवाई के संबंध में हर प्रकार की पूछताछ की। अब माना जा रहा है कि क्राइम सीन को समझने के बाद सीबीआइ की टीम रविवार को क्राइम सीन रीक्रिएट कर सकती है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध मृत्यु प्रकरण की जांच संभालने के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने शनिवार को उत्तर प्रदेश सरकार की एसआइटी से केस अपने हाथ में ले लिया। सीबीआइ की इस छह सदस्यीय टीम का नेतृत्व सीबीआइ स्पेशल ब्रांच के एएसपी केएस नेगी कर रहे हैं। टीम के अन्य सदस्यों के साथ नेगी ने शनिवार को प्रयागराज में केस टेकओवर कर लिया है। सीबीआइ स्पेशल ब्रांच के एएसपी और इस केस के मुख्य जांच अधिकारी केएस नेगी टीम के अन्य कुछ सदस्यों के साथ शनिवार को प्रयागराज पहुंचे। इस केस की गंभीरता को समझते हुए शनिवार दोपहर बाद सीबीआइ के आइजी विप्लव चौधरी भी प्रयागराज पहुंचे।
सीबीआइ ने संभाले सारे दस्तावेज
सीबीआइ के केस का चार्ज लेते ही एसआइटी ने सारी रिपोर्ट के साथ एफआइआर की कापी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज, डीवीआर, महंत नरेन्द्र गिरि के मोबाइल तथा केस डायरी सहित दूसरे साक्ष्य सीबीआइ सौंप दिए हैं। इस केस में सीबीआइ की टीम ने प्रयागराज के जार्जटाउन थाने में दर्ज मुकदमे को ही आधार बनाया है। सीबीआइ टीम के कुछ सदस्य शुक्रवार देर शाम प्रयागराज पहुंचे। उन्होंने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात की।
तेज तर्रार अफसर हैं केएस नेगी
प्रयागराज में महंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध मृत्यु के केस की जांच सीबीआइ की टीम जिन केएस नेगी के नेतृत्व में करेगी, उनकी गिनती शीर्ष जांच एजेंसी से चुनिंदा तेज अफसरों में की जाती है। माना जा रहा है कि उनकी जांच में निष्पक्ष निष्कर्ष शीर्ष ही सामने आएगा। सीबीआइ स्पेशल ब्रांच के एएसपी केएस नेगी की गिनती तेज तर्रार अफसरों में होती है। उन्होंने मुंबई बहुचॢचत शीना बोरा हत्याकांड के राजफाश में अहम भूमिका निभाई थी। नेगी के हाथ कमान आने से संतों को इस बात की उम्मीद जगी है कि अब तो इस गंभीर प्रकरण में दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
सेवादारों और शिष्यों की लोकेशन ट्रेस करेगी सीबीआइ
सीबीआइ ने केस अपने हाथ में लेते ही जांच की दिशा तथा दशा भी तय कर दी है। उनकी जांच में सबसे बड़ा मददगार महंत नरेन्द्र गिरि का मोबाइल भी है। अब सीबीआइ महंत की मृत्यु के कारण तलाशने में श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के एक-एक सेवादारों और शिष्यों के बारे में जानकारी हासिल करेगी। यह भी पता लगाया जाएगा कि इस घटना के समय किसकी लोकेशन क्या थी। यह भी ट्रेस किया जाएगा कि उस दौरान कौन का शिष्य या सेवादार किस काम से मठ से बाहर निकला था। इसका भी पता लगाया किस-किस की ड्यूटी कहां पर थी।
गौरतलब है कि प्रयागराज में 20 सितंबर की शाम श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के एक कमरे में महंत की संदिग्ध दशा में मृत्यु हो गई थी। इस दौरान उनके कमरे में एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया था। पुलिस का दावा है महंत ने फंदे पर लटककर जान दी है। मगर घटना को लेकर कुछ संतों व अन्य लोगों ने हत्या का आरोप लगाते हुए सवाल उठाए थे। इसके बाद सोमवार की रात ही जार्जटाउन थाने में अमर गिरि की तहरीर पर महंत के शिष्य आनंद गिरि तथा बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी व उनके पुत्र संदीप तिवारी के खिलाफ महंत को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महंत की मौत का कारण फांसी लगाना पाया गया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसएसपी ने सीओ की अध्यक्षता में 18 सदस्यीय एसआइटी गठित की थी। एसआइटी ने आरोपित आनंद गिरि, बड़े हुनमान मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी, उसके बेटे संदीप को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।