साइबर शातिरों ने बदला रकम उड़ाने का तरीका, जाने कैसे करते हैं ठगी, प्रयागराज में एक माह 40 से अधिक मामले

पहले साइबर शातिर लोगों से उनके मोबाइल पर आने वाले ओटीपी नंबर को पूछकर खाते से रुपये निकाल लेते थे। लेकिन जब साइबर क्राइम सेल ने लोगों को इसके प्रति जागरूक किया तो शातिरों ने भी अपना रास्ता बदल दिया।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 02:14 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 02:14 PM (IST)
साइबर शातिरों ने बदला रकम उड़ाने का तरीका, जाने कैसे करते हैं ठगी, प्रयागराज में एक माह 40 से अधिक मामले
प्रयागराज में एक माह में साइबर ठगी की 40 से अधिक मामले सामने आए हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। पुलिस की तमाम कवायद के बाद भी साइबर शातिर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। शायद ही ऐसा कोई दिन गुजरता हो, जब कोई इनके जाल में न फंसता हो। बातों-बातों में ये शातिर लोगों को बातचीत में उलझाकर उनसे उनके बैंक खाते के बारे में जानकारी ले लेते हैं और फिर खाते से रुपये निकल जाते हैं। लोगों काे इसकी पता तब चलता है, जब उनके मोबाइल पर खाते से रुपये निकाले जाने का मैसेज आता है।

बदल दिया है रुपये उड़ाने का खेल

पहले साइबर शातिर लोगों से उनके मोबाइल पर आने वाले ओटीपी नंबर को पूछकर खाते से रुपये निकाल लेते थे। लेकिन जब साइबर क्राइम सेल ने लोगों को इसके प्रति जागरूक किया तो शातिरों ने भी अपना रास्ता बदल दिया। अब वे मोबाइल पर ओटीपी नहीं पूछते, बल्कि कहते हैं कि मोबाइल पर जो लिंक भेजा गया है, उसे सिर्फ क्लिक करना है। आपने जैसे ही उसे क्लिक किया खाते से रुपये निकल जाते हैं।

एक माह में 40 से अधिक मामले

साइबर क्राइम की घटनाओं पर नजर डालें तो छोटी बड़ी घटनाओं को मिलाकर एक माह में 40 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। जिले का शायद ही कोई ऐसा थाना क्षेत्र हो, जहां इस प्रकार की वारदातें न हुईं हों। छोटी-छोटी घटनाओं की स्थानीय थाने में ही लोग तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज करा देते हैं, लेकिन बड़ी घटनाओं की रिपोर्ट साइबर क्राइम सेल में दर्ज की जाती है। पुलिस भी शुरूआत में तो इसकी तेजी से जांच करती है, लेकिन समय बीतने के साथ ही वह मामले को ठंडे बस्ते के हवाले कर देती है।

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