Third Wave of Corona: स्पेनिश फ्लू के ही रास्ते पर है यह वायरस भी, तीसरी लहर में पड़ेगा कमजोर
चिल्ड्रेन हास्पिटल के प्रभारी प्रोफेसर डा. एमवी सिंह कहते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर में वैरिएंट डेल्टा ही है जो भारत में आकर गुजर चुका है। तीसरी लहर की तीव्रता दूसरी की अपेक्षा कमजोर प्रतीत हो रही है। बच्चे तभी संक्रमित होंगे जब वायरस बड़ों से घर में पहुंचेगा।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर थोड़ी चिंता और कुछ होशियारी की जरूरत है। यह वायरस अब से करीब 100 साल पहले का इतिहास दोहराते हुए स्पेनिश फ्लू के पदचिह्नों पर चल पड़ा है। जिस तरह से कई छोटे-बड़े देश में तीसरी लहर की शुरुआत बताई जा रही है और वायरस की जो तीव्रता है वह दूसरी लहर की अपेक्षा कम घातक प्रतीत होती है। बिल्कुल वैसे ही जैसे स्पेनिश फ्लू का वायरस दूसरी लहर की अपेक्षा तीसरी में कम तीव्रता वाला था।
अपना स्वरूप नहीं बदल सका वायरस
वायरस के स्वरूप को लेकर महामारी विशेषज्ञों ने भी अंदरखाने सरकारों तक यह बात पहुंचाई है कि भारत में तीसरी लहर आई तो लोगों पर इसका प्रभाव वैसे नहीं पड़ेगा जिस तरह से दूसरी लहर के दौरान अप्रैल माह में था। इसके कई कारण हैं। पहला, यह कि 135 करोड़ जनसंख्या वाले भारत में करीब 40 करोड़ लोगों को कोरोना रोधी टीके लग चुके हैं। उन सभी की एंटीबाडी डेवलप हो चुकी है जो पहली और दूसरी लहर में संक्रमित हो चुके हैं। लगभग 30 करोड़ बच्चों के होने का अनुमान है जो घरों में ही रह रहे हैं। ब्रिटेन, अमेरिका, रशिया और इजरायल तथा उत्तर भारत के कुछ राज्यों में कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है। इनमें वही डेल्टा वायरस तीसरी लहर के रूप में आया है जो भारत में दूसरी लहर के दौरान गुजर चुका है। जून माह में काफी तेजी से वायरस का एक नया वैरिएंट डेल्टा प्लस चर्चा में आया था। इसको लेकर सरकारें अलर्ट मोड में आ गई थीं। चिल्ड्रेन हास्पिटल के प्रभारी प्रोफेसर डा. एमवी सिंह कहते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर में वैरिएंट डेल्टा ही है जो भारत में आकर गुजर चुका है। तीसरी लहर की तीव्रता दूसरी की अपेक्षा कमजोर प्रतीत हो रही है। कहा कि बच्चे तभी संक्रमित होंगे जब वायरस बड़ों से घर में पहुंचेगा।