Lallu Ji and Sons : हैरत की बात, 17 महीने बाद अचानक प्रयागराज में निकला बोतल से कुंभ मेले का जिन्न

Lallu Ji and Sons मेसर्स लल्लू जी एंड संस (एजेंसी) के बीच 16 नवंबर 2018 काे अनुबंध हुआ था। यही कुंभ मेला शुरू होने से करीब डेढ़ माह पहले। एजेंसी द्वारा 1.96 करोड़ रुपये के बिल 27 फरवरी 2019 से छह जुलाई 2019 के बीच दिए गए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 11:40 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 11:40 AM (IST)
Lallu Ji and Sons : हैरत की बात, 17 महीने बाद अचानक प्रयागराज में निकला बोतल से कुंभ मेले का जिन्न
प्रयागराज का कुंभ मेला 2019 में हुए फ्राड के मामले ने लोगों को हैरान कर दिया है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज का कुंभ मेला 2019 खत्म हो गया। इसके बाद एक माघ मेला भी निपट गया। अब दूसरा माघ मेला शुरू होने को है। ऐसे में अब कुंभ मेले के दौरान किए गए कार्यों के भुगतान को लेकर जाली दस्तावेजों का सामना आना आश्चर्यजनक है। 17 महीने बाद जिस तरह से दारागंज थाने में तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई, उससे खुद पुलिस भी अचरज में है। मामला सरकारी है, इसलिए भी बिना कोई पूछताछ किए तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। 

इस पूरे प्रकरण पर नजर डालें तो मेसर्स लल्लू जी एंड संस (एजेंसी) के बीच 16 नवंबर 2018 काे अनुबंध हुआ था। यही कुंभ मेला शुरू होने से करीब डेढ़ माह पहले। एजेंसी द्वारा 1.96 करोड़ रुपये के बिल 27 फरवरी 2019 से छह जुलाई 2019 के बीच दिए गए। छह जुलाई के बाद जो बिल ठीक थे, उसका भुगतान किया गया, शेष को रोक दिया गया। इसके बाद मामला ठंडा रहा।

क्या सिर्फ दस्तावेजों की जांच ही की जाती रही या अन्‍य कारण था

17 महीने बाद अचानक बोतल से कुंभ मेले का जिन्न निकला और दारागंज में लल्लू जी एंड संस के अलावा 10 लोग नामजद किए गए। इन सभी को एजेंसी का साझेदार बताया गया है। इन 17 महीने में प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा क्या सिर्फ दस्तावेजों की जांच ही की जाती रही या फिर कोई और कारण था जो एजेंसी के खिलाफ तहरीर देकर रिपोर्ट नहीं दर्ज कराई गई थी। 

पुलिस ने भी चुपचाप बड़ी खामोशी के साथ तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया

पुलिस की दर्ज की गई एफआइआर में लिखे कॉलम में ‘शिकायतकर्ता द्वारा रिपोर्ट देरी से दर्ज कराने के कारण’ को भी खाली छोड़ दिया गया है। जबकि इसमें यह स्पष्ट तौर पर लिखा जाना चाहिए था कि वह क्या कारण थे जो रिपोर्ट दर्ज कराने में विलंब हुआ। हालांकि पूछता कौन क्योंकि तहरीर तो अपर मेलाधिकारी कुंभ मेला ने दी थी। पुलिस ने भी चुपचाप बड़ी खामोशी के साथ तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया।

chat bot
आपका साथी