Anand Giri: रंगीन जिंदगी के लिए चर्चित आनंद गिरि खा रहे जेल की दाल-रोटी, झलक रही बेचैनी

विलासिता भरी जिंदगी के लिए चर्चित आनंद गिरि को अब असल संन्यासी की तरह जेल में आम बंदी जैसा सुलूक झेलना पड़ रहा है। सेंट्रल जेल प्रशासन का कहना है कि आनंद गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी के लिए जेल मैनुअल के मुताबिक व्यवस्था की गई है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 08:35 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 10:35 PM (IST)
Anand Giri: रंगीन जिंदगी के लिए चर्चित आनंद गिरि खा रहे जेल की दाल-रोटी, झलक रही बेचैनी
बंदी रक्षकों ने रात भर आनंद को कभी बैठकर इधर-उधर ताकते तो कभी टहलते देखा।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। मठ और आश्रम से ज्यादा विदेश में रंगीन जिदंगी के लिए चर्चित आनंद गिरि की जेल की सलाखों के पीछे नींद उड़ गई है। सारी इज्जत और रुतबा धूमिल हो चुका है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में गिरफ्तार आनंद गिरि और लेटे हनुमान जी मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी को अदालत में पेश करने के बाद बुधवार शाम न्यायिक हिरासत में केंद्रीय कारागार नैनी में दाखिल करा दिया गया था। जेल में उन दोनों को कैदियों से अलग हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है जहां तैनात बंदी रक्षकों ने रात भर आनंद को कभी बैठकर इधर-उधर ताकते तो कभी टहलते देखा। आद्या प्रसाद देर रात तक जगा फिर लेट गया था हालांकि नींद उसे भी नहीं आई। दोनों ने बुधवार शाम खाना नहीं खाया था लेकिन गुरूवार को नाश्ता भी किया और फिर खाना भी खाया हालांकि दोनों के चेहरे पर बेचैनी दिखती रही।

सुबह स्नान के बाद पढ़ी पुस्तकें, लिया नाश्ता और खाना भी

विलासिता भरी जिंदगी के लिए चर्चित आनंद गिरि को अब असल संन्यासी की तरह जेल में आम बंदी जैसा सुलूक झेलना पड़ रहा है। सेंट्रल जेल प्रशासन का कहना है कि आनंद गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी के लिए जेल मैनुअल के मुताबिक व्यवस्था की गई है। उन दोनों के जेल में आने की सूचना पर जेल प्रशासन ने उनको कैदियों से दूर रखने के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। पुलिस ने जैसे ही उन दोनों को जेल में दाखिल कराया पहले से तैयार बैरक में भेज दिया गया। दोनों को अलग रखा गया है। पता चला है कि दोनों के बीच मुलाकात नहीं हो रही। बुधवार को जेल पहुंचने पर उन्हें जेल मैनुअल के मुताबिक दाल, रोटी और सब्जी परोसा गया, जिसे खाने से दोनों ने मना कर दिया। बुधवार शाम जब उन्हें जेल में दाखिल कराया जा रहा था, तब उनके पास सामान से भरे कई बैग थे, जिसकी गेट पर तलाशी ली गई। उनमें से काफी सामान जेल मैनुअल के विपरीथ था जिसे अंदर ले जाने से मना कर दिया गया। वह सारा सामान गेट के बाहर ही रखवा दिया गया। रात में जेल में तैयार दरी को बिछाकर कुछ देर के लिए आनंद ने कमरे के चबूतरे पर नींद ली। गुरूवार सुबह स्नान के बाद आनंद ने कोई पुस्तक पढी फिर नाश्ते में जेल का चना और ब्रेड चाय दी गई तो ली। दोपहर का खाना भी लिया। 

हमले के डर से सुरक्षा व्यवस्था भी

उल्लेखनीय है कि आनंद गिरि को मंगलवार को हरिद्वार से और आद्या प्रसाद को मंदिर परिसर से हिरासत में लेने के बाद पुलिस लाइन में रखा गया था, जहां उनसे लंबी पूछताछ के बाद बुधवार को पुलिस ने अदालत में पेश किया। अदालत से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत पर भेजा गया है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय का कहना है कि आनंद गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी को बाकी कैदियों से दूर अलग रखा गया है। साथ ही उन्हें जेल नियमों के मुताबिक सुविधाएं दी गई। सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा गया है क्योंकि यह भी खतरा है कि महंत की मौत से आक्रोशित होकर दूसरे कैदी या बंदी उन पर हमला नहीं कर दें।

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