जानिए कौन थे महाराजा बिजली पासी जिनके नाम पर कौशांबी में आरओबी का किया गया नामकरण

डिप्टी सीएम ने ओवरब्रिज का नाम महाराजा बिजली पासी के नाम कर पासवान समाज को साधने का काम किया। जनपद में मतदाताओं में पासी समाज के सबसे ज्यादा मतदाता हैं और यह बसपा के आधारभूत मतदाता माने जाते है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 08:42 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 08:42 PM (IST)
जानिए कौन थे महाराजा बिजली पासी जिनके नाम पर कौशांबी में आरओबी का किया गया नामकरण
संयारा रेलवे ओवरब्रिज का नामकरण महाराजा बिजली पासी पर कर पासवान समाज को साधने का प्रयास

प्रयागराज, जेएनएन। पड़ोसी जनपद कौशांबी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को सिराथू तहसील में संयारा रेलवे ओवरब्रिज का नामकरण महाराजा बिजली पासी पर कर पासवान समाज को साधने का प्रयास किया है। महाराजा बिजली पासी लखनऊ के पास अवध प्रांत के बिजनौर गढ़ के राजा थे जो 12वीं सदी के अंत तक अवध के एक बड़े भू-भाग पर स्थापित था। इनके पिता नथावन देव तथा माता बिजना थीं।

बिजनौर जनपद की स्थापना की थी, दो बार हराया था राजा जयचंद को

राजा बिजली ने सर्वप्रथम अपनी माता की स्मृति में बिजनागढ की स्थापना की थी जो कालांतर में बिजनौरगढ़ एवं वर्तमान में बिजनौर के नाम से संबोधित किया जाने लगा। इसके बाद उन्होंने अपनी पिता की याद में बिजनौर गढ़ से उत्तर तीन किलोमीटर की दूरी पर पिता नाथावन के नाम पर नथवागढ़ की स्थापना की। राजा बिजली ने किसी की अधीनता स्वीकार नहीं की बल्कि दो बार राजा जयचंद की सेना को पराजित भी किया था। कन्नौज के राजा जयचंद ने कौशांबी में कड़ा में किला बनवाकर कुछ दिन यहां पर निवास किया था।

लोकापर्ण के बाद नामकरण किया डिप्टी सीएम ने

विधानसभा चुनाव नजदीक है। भाजपा समाज के हर वर्ग को साधने के अभियान में जुटी है। संयारा ओवरब्रिज का लोकार्पण डिप्टी सीएम ने एक साल पहले कर दिया था। विगत सात अक्टूबर को सिराथू ओवरब्रिज का लोकार्पण करते समय ही डिप्टी सीएम ने सिराथू ओवरब्रिज का नाम संत मलूक दास एवं संयारा ओवरब्रिज का नाम महाराजा बिजली पासी के नाम रखने की घोषणा की थी। शुक्रवार को डिप्टी सीएम ने ओवरब्रिज का नाम महाराजा बिजली पासी के नाम कर पासवान समाज को साधने का काम किया है। जनपद में मतदाताओं में पासी समाज के सबसे ज्यादा मतदाता हैं और यह बसपा के आधारभूत मतदाता माने जाते है। वहीं पूर्व में बसपा व वर्तमान में सपा के एक नेता का वर्चस्व इन पर रहा है। कयास लगाया जा रहा है कि पासवान समाज को भाजपा के साथ जोड़ने के लिए ओवरब्रिज का नाम महाराजा बिजली पासी के नाम रखा है। पासी समाज के लोगों के पास जाकर सरकार द्वारा समाज के लिए जा रहे कार्यो और उनकी वीरता की कहानियों के सहारे भाजपा मिशन 2022 की कामयाबी के लिए पूरा जोर लगा रही है।

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