सुलगती भट्ठियों को ठंडी करने में जुटी 'खाकी'
जासं प्रयागराज पड़ोसी जनपद प्रतापगढ़ में जहरीली शराब से हुई मौत की घटना पहली नहीं है।
जासं, प्रयागराज : पड़ोसी जनपद प्रतापगढ़ में जहरीली शराब से हुई मौत की घटना पहली नहीं है। इससे पहले भी कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। यहां जिले में भी कई लोग जहरीली शराब से जान गवां चुके हैं। अभी पिछले वर्ष नवंबर माह में फूलपुर क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से सात लोग काल के गाल में समा गए थे। इसी सब को देखते हुए जिला आबकारी टीम के साथ ही स्थानीय पुलिस भी कच्ची शराब बनाने वालों पर शिकंजा कसने में जुटी है। प्रतिदिन कछारी इलाकों में दबिश देकर कच्ची शराब पकड़ी जा रही है। भट्ठियों को तोड़ा जा रहा है, लेकिन यह धंधा थम नहीं रहा है।
जिले में गंगापार और यमुनापार के साथ ही शहर के कछारी इलाकों में बड़े पैमाने पर कच्ची शराब का कारोबार होता है। हजारों क्विटल लहन ड्रम और डिब्बे में भरकर जमीन खोदकर छिपाया जाता है। आबकारी टीम और स्थानीय पुलिस जब दबिश देती है तो शराब और इसे बनाने के उपकरण ही बरामद करती है। इसे बनाने वाले कभी कभार ही हाथ लगते हैं। रविवार को पुलिस ने पूरे जिले मे अभियान चलाया था। ग्रामीण इलाके के अधिकांश थाने की पुलिस ने कच्ची शराब के साथ कई लोगों को गिरफ्तार किया था। लगभग एक हजार लीटर शराब बरामद की गई थी। सात मौतों पर सात पर हुई थी कार्रवाई
फूलपुर कोतवाली के अमिलिया गांव में पिछले वर्ष नवंबर माह में जहरीली शराब के सेवन से सात लोगों की मौत हो गई थी। इसमें अधिकांश एक ही गांव के थे। मामले को अफसरों ने बड़ी गंभीरता से लिया था। जिला पुलिस और आबकारी विभाग ने सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। हालांकि, जिस शराब के सेवन से सात लोगों की मौत हुई थी, वह देशी शराब की दुकान से खरीदी गई थी। यहां धधकती हैं भट्ठियां
गंगापार के थरवई, नवाबगंज, झूंसी, सरायममरेज, यमुनापार के घूरपुर, नैनी, लालापुर और शहर में नीवां, करैलाबाग समेत कई इलाके के कछारी क्षेत्रों में कच्ची शराब की भट्ठियां धधकती हैं। इसे तैयार करने में कई लोग लगे रहते हैं। पुलिस का जब छापा पड़ता है तो यह नदी में कूदकर दूसरे छोर की तरफ भाग निकलते हैं।