Kartik Month 2021: कार्तिक में संयम से मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा, बस इन बातों का रखें ख्‍याल

Kartik Month 2021 ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि कार्तिक का महीना कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर तक रहेगा जबकि भगवान विष्णु के जाग्रत होने का पर्व देवोत्थान एकादशी 15 नवंबर को है। कार्तिक में सुबह तुलसी में जल अर्पित करके शाम को दीपक जलाना चाहिए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 12:59 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 01:42 PM (IST)
Kartik Month 2021: कार्तिक में संयम से मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा, बस इन बातों का रखें ख्‍याल
कार्तिक मास में मां लक्ष्‍मी की कृपा प्राप्‍त करने के लिए संयमित जीवन शैली की सलाह ज्‍योतिर्विद देते हैं।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कार्तिक माह 2021 संयम, साधना, सत्कर्म का महीना है कार्तिक। आश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि बुधवार को है। इसी के साथ कल से पवित्र कार्तिक मास का आरंभ हो जाएगा। कार्तिक में पवित्र नदियों स्नान, मंदिरों में दीपदान, जरूरतमंद लोगों को दान, भजन-कीर्तन, धार्मिक पुस्तकों का पाठ करते हुए संयमित जीवन व्यतीत करने का विधान है। ऐसा करने वाले भक्तों पर प्रसन्न होकर मां लक्ष्मी उनकी समस्त कामना पूर्ण करती हैं।

कार्तिक मेला एक माह तक लगेगा

कार्तिक महीने में प्रयागराज शहर के बलुआघाट मोहल्ले में मेला लगता है। यह मेला पूरे कार्तिक मास लगा रहता है। प्रतिदिन यमुना स्‍नान के साथ ही महिलाएं इस मेले में घरेलू आवश्‍यक वस्‍तुओं की खरीदारी करती हैं। सौंदर्य प्रसाधन के भी यहां सामान मिलते हैं। मूर्तियां, चीनी मिट्टी के बर्तन, खिलौनों की दुकानें सज गई हैं। दुकानदारों में उत्‍साह भी है। क्‍योंकि संक्रमण काल में उनका धंधा काफी मंदा पड़ गया था।

तुलसी पत्‍ता सेवन से शरीर निरोग बनता है : आचार्य देवेंद्र त्रिपाठी

ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि कार्तिक का महीना कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर तक रहेगा, जबकि भगवान विष्णु के जाग्रत होने का पर्व देवोत्थान एकादशी 15 नवंबर को है। कार्तिक में सुबह तुलसी में जल अर्पित करके शाम को दीपक जलाना चाहिए। तुलसी के पत्ते का सेवन करने से शरीर निरोग बनता हैं। तुलसी के पौधे का दान कल्याणकारी होता है।

दान से पूर्ण होती है कामना : आचार्य विद्याकांत पांडेय

पराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार कार्तिक महीने में रामायण व श्रीमद्भागवत का पाठ करना अथवा करना पुण्यकारी होता है। इसमें दान का विशेष महत्व है। गरीबों व ब्राह्मणों को दान देने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसमें तुलसी का पौधा, अन्न, गाय, आंवले के पौधे का दान करना चाहिए। उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

कार्तिक माह में इन बातों को जरूर जानें

-मांस, मदिरा का सेवन न करें।

-प्याज, लहसुन, बैगन का सेवन वर्जित है।

-फर्श पर सोना उपयुक्त माना जाता है। इससे मनुष्य का स्वभाव कोमल होता है।

-सूर्योदय से पहले स्नान करना चाहिए।

-ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

-नित्य सूर्यदेव को अर्घ्‍य व तुलसी पौधे में जल चढ़ाएं।

-नदी, पोखर, तालाब में दीपदान करना चाहिए।

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