आजादी की जंग के दौरान कमिश्नर की पत्नी से कमला नेहरू ने कराई थी पिकेटिंग, जानिए क्या था मामला
आंदोलन के दौरान शिक्षण संस्थाओं शराब की दुकानों विदेशी वस्त्रों की दुकानों पर पिकेटिंग हो रही थी। पुरुषोत्तम दास टंडन की गिरफ्तारी के बाद प्रयागराज में कमला नेहरू को कमेटियों का डिक्टेटर घोषित किया गया। कमला नेहरू ने करीब दो सौ महिलाओं को सत्याग्रहियों के रूप में तैयार किया।
प्रयागराज, जेएनन। प्रयागराज में आजादी के आंदोलन में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी रही है। महिलाओं ने अपने तरीके से अंग्रेजों की कार्रवाई का विरोध किया था। जवाहरलाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू भी आंदोलन में काफी सक्रिय रहती थीं। कमला नेहरू का व्यक्तित्व अत्यंत आकर्षक एवं प्रभावशाली था। उस समय नेहरू परिवार में रामेश्वरी नेहरू, उमा नेहरू, विजय लक्ष्मी पंडित जैसी विदुषी और प्रभावशाली महिलाएं थीं किंतु इन सबके बीच कमला नेहरू ने अपनी अलग पहचान बनाई थी। उन्होंने उस समय इलाहाबाद (अब प्रयागराज) मंडल के कमिशन की पत्नी से पिकेटिंग (किसी बात को रोकने के लिए पहरा देना) कराई थी।
ओजस्वी भाषण देती थीं कमला नेहरू
साहित्यकार अनुपम परिहार ने बताया कि कमला नेहरू सार्वजनिक सभाओं में बहुत ओजस्वी भाषण देती थीं। एक बार उन्होंने एक सभा में कहा कि- 'बहनों भारतमाता पुकार रही है। उसकी रक्षा के लिए अपने बेटों को कुर्बान कर दीजिए। मेरे तो बेटा नहीं है सिर्फ एक बेटी है परंतु जरूरत पडऩे पर मै उसे देश के लिए आग में झोंक सकती हूं। इस बात का लोगों पर बड़ा जादुई असर होता था।
दो सौ महिलाओं को तैयार किया था सत्याग्रही के रूप में
अनुपम परिहार बताते हैं कि आंदोलन के दौरान शिक्षण संस्थाओं, शराब की दुकानों, विदेशी वस्त्रों की दुकानों पर पिकेटिंग हो रही थी। पुरुषोत्तम दास टंडन की गिरफ्तारी के बाद प्रयागराज में कमला नेहरू को शहर तथा जिला कमेटियों का डिक्टेटर घोषित किया गया। कमला नेहरू ने करीब दो सौ महिलाओं को सत्याग्रहियों के रूप में तैयार किया। उनकी अगुवाई में महिलाएं विदेशी वस्त्रों की दुकानों, शिक्षण संस्थाओं तथा शराब की दुकानों पर धरना देती थीं। बुखार होने पर भी वे महिला सत्याग्रहियों का हौसला बढ़ाते देखी जाती थीं।
कमला का था जादुई व्यक्तित्व
अनुपम परिहार बताते हैं कि कमला नेहरू का व्यक्तित्व जादुई था। इसी वजह से बड़े- बड़े रईसों, जजों तथा अफसरों की पत्नियां अपने पतियों की चिंता किए बिना उनके साथ पिकेटिंग करने जाती थीं। एक बार कमला नेहरू के साथ एक प्रख्यात पत्रकार ने प्रयागराज मंडल के तत्कालीन कमिश्नर कुंअर महराज सिंह आइसीएस की पत्नी को पिकेटिंग करते देखा। उन्होंने कमिश्नर की पत्नी से पूछा कि वह ऐसा क्यों कर रही हैं। इस पर कमिश्नर की पत्नी ने कहा कि मेरे पति सरकारी अफसर हैं, किंतु मैं स्वतंत्र हूं। हालांकि कमिश्नर की पत्नी यह समझती थीं कि उनके आंदोलन में भाग लेने से उनके पति पर क्या बीत सकती है फिर भी उन्होंने जो रास्ता चुना उस पर कमला नेहरू के चमत्कारिक व्यक्तित्व का स्पष्ट प्रभाव था।