प्रयागराज के एसआरएन अस्‍पताल के जूनियर डाक्टर आज भी हड़ताल पर हैं, आकस्मिक सेवाएं चालू

डाक्टरों की भर्ती में लेटलतीफी का विरोध जता रहे मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के जूनियर रेजीडेंट सोमवार को भी हड़ताल पर हैं। जूनियर डाक्टरों का कहना है कि पहले दिन यानी शनिवार को हुई हड़ताल के बाद से अब तक सरकार का कोई जवाब नहीं आया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 02:16 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 02:16 PM (IST)
प्रयागराज के एसआरएन अस्‍पताल के जूनियर डाक्टर आज भी हड़ताल पर हैं, आकस्मिक सेवाएं चालू
प्रयागराज के एसआरएन अस्‍पताल के जूनियर डाक्‍टर हड़ताल पर हैं।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के स्‍वरूपरानी नेहरू अस्‍पताल (एसआरएन) में सोमवार को भी जूनियर डाक्‍टर हड़ताल पर हैं। हालांकि हड़ताल के दौरान आकस्मिक सेवाएं तो बहाल हैं, लेकिन फिर भी चिकित्‍सा व्‍यवस्‍था प्रभावित हो गई है। एसआरएन अस्‍पताल में प्रतिदिन हजारों मरीजों का आना जाना रहता है। ऐसे में ओपीडी में इनके द्वारा ड्यूटी न करने के कारण असर पड़ रहा है।

डाक्टरों की भर्ती में लेटलतीफी का विरोध जता रहे मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के जूनियर रेजीडेंट सोमवार को भी हड़ताल पर हैं। जूनियर डाक्टरों का कहना है कि पहले दिन यानी शनिवार को हुई हड़ताल के बाद से अब तक सरकार का कोई जवाब नहीं आया है। जूनियर डाक्टरों के देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत शनिवार को हुई थी।

मामला सितंबर में हुए नीट पीजी परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग अब तक शुरू न करने से जुड़ा है। कहा जा रहा है कि अस्पताल में 66 फीसद जूनियर डाक्टर ही व्यवस्थाओं को संभाले हैं। तीन सत्र का काम दो सत्र के डाक्टर कर रहे हैं। इससे मरीजों को भी दिक्कत होने लगी है। जूनियर रेजीडेंट एसोसिएशन के वरिष्ठ पदाधिकारी डा. सर्वेश ने बताया कि परीक्षा का परिणाम जारी हो चुका है लेकिन काउंसिलिंग न होने से भर्ती पूरी नहीं हो पा रही है। इससे पिछले जूनियर रेजीडेंट पर अतिरिक्त भार आ रहा है। कहा कि सरकार को चाहिए कि काउंसिङ्क्षलग प्रक्रिया जल्द शुरू करे। काउंसिलिंग का निर्णय न होने तक हड़ताल जारी रखी रखने पर सहमति बनी है।

एसआरएन के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. अजय सक्सेना ने कहा कि ऐसी कोई लिखित सूचना जूनियर डाक्टरों ने नहीं दी थी। यदि जूनियर डाक्टर काम पर नहीं आते हैं तो वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सीनियर डाक्टर और सीनियर रेजीडेंट तो रहेंगे ही, नान पीजी जूनियर डाक्टरों से भी काम लिया जाएगा।

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