National Girl Child Day : बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखा रही हैं कौशांबी की जान्हवी, स्कूलों में देती है जूडो कराटे की ट्रेनिंग

कौशांबी के मंझनपुर कस्बा निवासी जान्हवी शर्मा भी ऐसी ही एक बेटी हैं जो खुद तो आत्मरक्षा के लिए जूडो कराटे में पारंगत हो चुकी हैं साथ ही अब स्कूलों व अन्य स्थानों पर पहुंचकर बच्चों के हौसले बुलंद कर रही हैं। वह छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण भी देती हैं

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 07:00 AM (IST)
National Girl Child Day : बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखा रही हैं कौशांबी की जान्हवी, स्कूलों में देती है जूडो कराटे की ट्रेनिंग
छात्र-छात्राओं को जूडो कराटे के बारे में प्रशिक्षण देती हैं ताकि कठिन समय में वह खुद अपनी रक्षा कर सकें।

प्रयागराज, जेएनएन। बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए मुख्यमंत्री की पहल पर मिशन शक्ति के तहत जागरूकता कार्यक्रम जारी है। तमाम बेटियां अब खुद भी आत्मसुरक्षा के लिए जागरूक हो रही हैं।  कौशांबी के मंझनपुर कस्बा निवासी जान्हवी शर्मा भी ऐसी ही एक बेटी हैं जो खुद तो आत्मरक्षा के लिए जूडो कराटे में पारंगत हो चुकी हैं साथ ही अब स्कूलों व अन्य स्थानों पर पहुंचकर बच्चों के हौसले बुलंद कर रही हैं। वह छात्र-छात्राओं को अपनी सुरक्षा के लिए जूडो कराटे के बारे में प्रशिक्षण भी देती हैं ताकि कठिन समय में वह खुद अपनी रक्षा कर सकें। उनके इस हौसले को देखकर बच्चों की भी रुचि बढ़ी है। उत्साह को देखते हुए कुछ निजी संस्थानों ने बच्चों के लिए जूडो कराटे की कोचिंग भी शुरू कर दी है।

कैंप में पहुंचकर कराती हैं सुरक्षा का एहसास

मंझनपुर कस्बे के कटरा नगर निवासी कृष्ण कुमार शर्मा की बेटी जान्हवी शर्मा मुख्यालय के जेपी इंटर कालेज की दसवीं की छात्रा हैं। पढ़ाई के साथ-साथ उनकी रुचि खेलकूद में थी। ऐसे में पिता ने उनको जूडो कराटे का प्रशिक्षण दिलाने का मन बनाया। बेटे रुद्र के साथ ही जान्हवी को कराटे का प्रशिक्षण शुरू करा दिया। पूर्व में जान्हवी नंदीवाणी की छात्रा रहीं। वहीं इन्हें पहला प्रशिक्षण मिला। इसके बाद जान्हवी को जैसे पंख लग गए हो। वह लगातार प्रशिक्षण लेती रही।

प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में प्राप्त कर चुकी हैं सिल्वर मेडल

जान्हवी के हौसले का परिणाम रहा कि वर्ष 2019 में अलीगढ़ व आगरा में हुए प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में उनको सिल्वर मेडल मिला। इस उपलब्धि के बाद जान्हवी की एक अलग पहचान बन गई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मिशन साहसी के आयोजन के दौरान उन्हें आमंत्रित किया। उन्होंने मंच से सैकड़ों बच्चों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया कि कठिन समय में कैसे अपनी रक्षा करना है। पिता परिषदीय विद्यालय में शिक्षक हैं। उन्होंने दर्जनों बार पिता के विद्यालय के साथ-साथ अन्य स्कूलों में जाकर बच्चों को प्रशिक्षण दिया। उनके इस प्रयास से कई बच्चे जूडो कराटे के प्रति उत्साहित हुए। बच्चों की इस रुचि को देखते हुए कुछ निजी संस्थानों ने प्रशिक्षण के लिए कोचिंग भी खोल दिया। आज जान्हवी के प्रेरणा से बच्चे विशेष तौर से बालिकाएं खुद की सुरक्षा को लेकर सतर्क व सचेत हैं।

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