पुलिस मुठभेड़ में जख्मी कुख्यात लुटेरे का नाम कैसे पड़ा बार्डर, इस रोचक कहानी को आप भी जानें और रहें सतर्क
सोरांव निवासी मसूद ट्रक जैसे बड़े वाहनों को बहुत तेज गति से चलाता है। गैंग में उसकी जिम्मेदारी रहती थी कि लूटे गए ट्रक को वह जिले की सीमा को पार करवाता था। इसीलिए उसके गैंग के साथी उसे बार्डर नाम से पुकारने लगे।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में गंगापार के सरायइनायत थाना क्षेत्र में पुलिस मुठभेड़ के दौरान गोली से घायल कुख्यात लुटेरा मसूद उर्फ बार्डर अपने गैंग का सबसे तेज दिमाग और होशियार सदस्य है। उसका नाम पहले केवल मसूद ही था, लेकिन कारस्तानियों के चलते उसे बार्डर के नाम से बुलाया जाने लगा। इसके पीछे भी एक कहानी है।
मसूद लूटे गए ट्रक को जिले की सीमा से पार कराता था, इसलिए नाम हुआ बार्डर
पुलिस का कहना है सोरांव निवासी मसूद ट्रक जैसे बड़े वाहनों को बहुत तेज गति से चलाता है। गैंग में उसकी जिम्मेदारी रहती थी कि लूटे गए ट्रक को वह जिले की सीमा को पार करवाए। इस काम को वह बखूबी करता भी था। फैजाबाद में लूटे गए ट्रक को जौनपुर और जौनपुर के ट्रक को बार्डर पार करके प्रतापगढ़ तक पहुंचाता था। बार्डर टू बार्डर पार करने के चलते ही उसे बदमाश बार्डर के नाम से पुकारने लगे। फिर उसके नाम के साथ बार्डर शब्द जुड़ते ही वह कार्यशैली के अनुसार कुख्यात हो गया। इसी तरह रुदापुर सोरांव का दिलशाद भी बतौर खलासी बनकर बार्डर का साथ देता था। दोनों प्रतापगढ़ के रहने वाले सूफियान व रिजवान के लिए लूटपाट करते थे।
गैंग ऐसे करता था लूट की वारदात
एसपी गंगापार धवल जायसवाल कहते हैं कि अभियुक्त एक स्कार्पियो वाहन से चलते थे। फिर हाईवे और सुनसान जगह पर मिले ट्रक को ओवरटेक कर रोक लेते थे। इसके बाद चालक व खलासी को स्कार्पियों में बैठाकर कुछ सदस्य दूसरे रास्ते पर चले जाते थे, जबकि अन्य बदमाश ट्रक लेकर भाग जाते थे। करीब सौ किलोमीटर दूर चालक व खलासी को छोड़ते थे और तब तक ट्रक को भी दूसरे जिले में पहुंचा दिया जाता था।
पुलिस एनकाउंटर में गोली से घायल
ऐसा ही सोमवार रात प्रतापगढ़ के कुंडा में ट्रक लूटने के बाद किया गया। मसूद और दिलशाद ट्रक लेकर सरायइनायत में पहुंचे थे। उस दौरान इंस्पेक्टर राकेश चौरसिया, एसओजी गंगापार प्रभारी मनोज सिंह संदिग्ध वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। चालक को इशारा करके रोकने के लिए कहा गया तो बार्डर ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग कर बैरियर तोड़ते हुए भागने लगे। जवाबी फायरिंग में उसके पैर में गोली लगी और वह जख्मी हो गया था। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि अंधेरे का फायदा उठाकर दिलशाद भागने में सफल रहा, जिसे मंगलवार को पकड़ा गया।