कोरोना वायरस काल में प्रयागराज के लोगों में बढ़ रहा पारम्परिक योग के प्रति लगाव

योग की जागरूकता के बाद अब आवश्यकता है योगाभ्यास में बढ़ोत्तरी की। केवल जागरूकता से चीजों को अभ्यास में नही लाया जा सकता है। यह कहना है आनंद योगालय के डायरेक्टर विक्रांत आनन्द त्रिपाठी का। उनका मानना है कि लोगों में पारम्परिक योग के प्रति लगाव बढ़ रहा है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 04:43 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 04:43 PM (IST)
कोरोना वायरस काल में प्रयागराज के लोगों में बढ़ रहा पारम्परिक योग के प्रति लगाव
कोरोना काल में भी आयुर्वेद चिकित्सा के साथ ही योग को बढ़ावा मिला है।

प्रयागराज, जेएनएन। बदली जीवन शैली और खानपान की वजह से तमाम तरह की बीमारियां लोगोंं को घेर रही हैं। ऐसे में लोगोंं में योग के प्रति दिलचस्पी और जागरूकता आ रही है। कोरोना काल में भी आयुर्वेद चिकित्सा के साथ ही योग को बढ़ावा मिला है। योग की जागरूकता के बाद अब आवश्यकता है योगाभ्यास में बढ़ोत्तरी की। केवल जागरूकता से चीजों को अभ्यास में नही लाया जा सकता है। यह कहना है आनंद योगालय के डायरेक्टर विक्रांत आनन्द त्रिपाठी का। उनका मानना है कि शहर के लोगों में पारम्परिक योग के प्रति लगाव बढ़ रहा है। आनन्द बताते हैैं कि वो अपनी पूरी टीम के साथ लोगों में योग के प्रति जागरूक करने का काम कर रहे हैैं।

योगाभ्यास से कोरोना काल में बचाव

इसी कड़ी में तमाम तरह की जटिल बीमारियों का इलाज भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण काल मे खुद को सुरक्षित रखने का सबसे कारगर उपाय योगाभ्यास ही है। आनंद योगालय के छात्र नितिन बताते हैैंं कि निरन्तर योगाभ्यास से उन्हेंं शारीरिक तथा मानसिक स्तर पर बहुत लाभ हुआ हैं। एडवोकेट गीता पिछले कुछ महीनों से इस मुहिम में जुड़कर कार्य कर रहीं है। उन्हें अपने जीवन में निरन्तर योगाभ्यास से बहुत परिवर्तन देखने को मिला है। आगे चल कर योग प्रशिक्षिका बनकर जन सेवा करना चाहती हैं।

रामबाण की तरह है योग

आरती सिंह ने बताया कि वह पिछले 16 साल से योग कर रही हैैं। कोरोना संक्रमण काल में योग एक रामबाण की तरह है। मैं अपनेे पूरेे परिवार के साथ रोजाना एक घंटे योग को समय देती हूं। मेरी यही सलाह है कि जीवन के भागदौड़ में योग के लिए जरूर समय निकालें। कपाल भारती और  प्राणायाम पर दें ध्यान : आनंद योगालय के डायरेक्टर विक्रांत आनन्द त्रिपाठी ने बताया कि वैसे तो योग के दौरान सभी आसन उपयोगी होते हैैं लेकिन कपाल भारती और प्राणायाम सबसे अधिक फायदेमंद होता है।

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