कठिनाइयों के बीच लेखन करना प्रेरणादायी : केशरीनाथ

साहित्य समाज समाज का दर्पण ही नहीं उसका वास्तविक चित्रण करता है। समाज को हमेशा गतिशील रखने में साहित्यकारों की अहम भूमिका है। आज के साहित्यकार अनेक कठिनाइयों से गुजरते हुए लेखन करते हैं जो प्रेरणादायी है। उक्त विचार पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने व्यक्त किए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Dec 2020 07:26 AM (IST) Updated:Mon, 21 Dec 2020 07:26 AM (IST)
कठिनाइयों के बीच लेखन करना प्रेरणादायी : केशरीनाथ
कठिनाइयों के बीच लेखन करना प्रेरणादायी : केशरीनाथ

जागरण संवादददाता, प्रयागराज : साहित्य समाज समाज का दर्पण ही नहीं, उसका वास्तविक चित्रण करता है। समाज को हमेशा गतिशील रखने में साहित्यकारों की अहम भूमिका है। आज के साहित्यकार अनेक कठिनाइयों से गुजरते हुए लेखन करते हैं, जो प्रेरणादायी है। उक्त विचार पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने व्यक्त किए। वे साहित्यिक संस्था गुफ्तगू द्वारा रविवार को हिदुस्तानी एकेडेमी में आयोजित 'गुफ्तगू साहित्य समारोह-2020' के तहत अकबर इलाहाबादी, बेकल उत्साही, सुभद्रा कुमारी चौहान, कुलदीप नैयर व सीमा अपराजिता सम्मान समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

उन्होने कहा कि कविताओं का सृजन तो कवि कर रहा है। लेकिन, उसको प्रकाशित करवाने के लिए उसे परेशान होना पड़ रहा है, ठीक ढंग से रचनाओं का प्रकाशन नहीं हो पा रहा है। गुफ्तगू ने लगातार 17 वर्षो से काम करके एक मिसाल कायम की है। समालोचक रविनंदन सिंह ने कहा कि प्रत्येक वर्ष देशभर के साहित्यकारों का गुफ्तगू द्वारा सम्मानित करना अच्छी परंपरा है। संस्था के अध्यक्ष इम्तियाज अहमद गाजी ने कहा कि रचनाकार अपने अच्छे लेखन ही खुद को प्रतिष्ठापित कर सकता है। वरिष्ठ पत्रकार मुनेश्वर मिश्र ने समारोह को प्रेरणादायी बताया। अध्यक्षता कर रहीं डॉ. सरोज सिंह ने कहा कि कविता के अलावा अन्य विधाओं पर कार्य करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में जया मोहन की कहानी संग्रह 'पारसी थाली' का विमोचन हुआ। संचालन मनमोहन सिंह 'तन्हा' ने किया। द्वितीय सत्र में मुशायरा हुआ। इसमें नरेश कुमार महरानी, प्रभाशकर शर्मा, अनिल मानव, डॉ. नीलिमा मिश्रा, नीनामोहन श्रीवास्तव, संजय सक्सेना, शैलेंद्र जय, रेशादुल इस्लाम, संजय सागर, दयाशकर प्रसाद, रामशकर पटेल, राजेश केसरवानी, रचना सक्सेना, ममता सिंह, हिमाशु मेघवाल और रमेश नाची आदि ने कलाम पेश किया। यह हुए सम्मानित : डॉ. असलम इलाहाबादी को अकबर इलाहाबादी सम्मान दिया गया। सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान : डॉ. ताहिरा परवीन (प्रयागराज), लिपिका साहा (हावड़ा), डॉ. शहनाज फातमी (पटना), उर्वशी चैधरी (जयपुर), खुशबू परवीन (हैदराबाद), डॉ. अंजना सिंह सेंगर (नोएडा), डॉ. शैल कुमारी तिवारी (जमशेदपुर) को मिला। डॉ अंजना ने कहा कि अपनी कर्मभूमि में पंडित जी के हाथों सम्मान पाकर काफी गौरवांवित महसूस कर रही हूं। बेकल उत्साही सम्मान : सागर होशियारपुरी (प्रयागराज), मासूम रजा राशदी (गाजीपुर), डॉ. राकेश मित्र 'तूफान' (वाराणसी), अनुराग मिश्र 'गैर' (लखनऊ), डॉ. रामावतार मेघवाल (कोटा), सलिल सरोज (नई दिल्ली), विजय प्रताप सिंह (मैनपुरी) को दिया गया। कुलदीप नैयर सम्मान : वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र प्रताप सिंह, मो. अशफाक सिद्दीकी, कवि व पत्रकार ईश्वर शरण शुक्ल, प्रदीप कुमार गुप्त को मिला। सीमा अपराजिता सम्मान : पूजा कुमारी रुही व प्रीति अरुण त्रिपाठी (प्रयागराज), गीता कैथल (लखनऊ), रानी कुमारी (पूíणया, बिहार), वंदना शर्मा (लखीमपुर खीरी) को मिला।

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