Input Tax Credit: व्यापारियों को अब आसानी से मिल सकेगा आइटीसी का लाभ, यह शर्त पूरी करनी होगी
Input Tax Credit जीएसटीआर-1 के देरी से भरने पर जुर्माने का प्रावधान नहीं था। इसकी वजह से व्यापारी समय से इसे जमा नहीं करते थे। इससे उन व्यापारियों को आइटीसी का लाभ नहीं मिल पाता था जो दूसरे व्यापारी से माल खरीदते थे।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। विलंब से जीएसटीआर-1 भरने पर व्यापारियों को जुर्माना देना पड़ेगा। देरी से भरने पर वह जीएसटीआर-3बी भी नहीं भर सकेंगे। नए साल से यह व्यवस्था लागू होगी। ऐसे में जुर्माना देने से बचने के लिए व्यापारियों द्वारा जीएसटीआर-1 समय से भरा जाएगा। समय से भरे जाने से व्यापारियों को आसानी से आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का लाभ भी मिल सकेगा।
जीएसटीआर-1 के विलंब से भरने पर जुर्माने का प्रावधान पहले नहीं था
व्यापारियों को माल की बिक्री का विवरण हर महीने जीएसटीआर-1 में भरना पड़ता है, जबकि जीएसटीआर-3 बी में टैक्स जमा करना होता है। अभी तक जो व्यवस्था थी, उसमें जीएसटीआर-3बी के विलंब से भरने पर प्रतिदिन के हिसाब से उन्हें जुर्माना देना पड़ता था। हालांकि जीएसटीआर-1 के देरी से भरने पर जुर्माने का प्रावधान नहीं था। इसकी वजह से व्यापारी समय से इसे जमा नहीं करते थे। इससे उन व्यापारियों को आइटीसी का लाभ नहीं मिल पाता था, जो दूसरे व्यापारी से माल खरीदते थे।
आइटीसी का लाभ लेने के लिए यह जरूरी है
आइटीसी का लाभ तभी मिलता है, जब जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3 बी में टैक्स दिखाई देगा। इस विसंगति को खत्म करने के लिए व्यापारी संगठनों द्वारा लंबे समय से मांग की जा रही थी। अब जीएसटी काउंसिल द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि एक जनवरी 2022 से जीएसटीआर-1 देरी से भरने पर व्यापारियों को जुर्माना देना पड़ेगा। खास यह कि जीएसटीआर-1 बिना भरे व्यापारी जीएसटीआर-3 बी भी दाखिल नहीं कर सकेगा। ऐसी दशा में व्यापारियों की बाध्यता होगी कि वह दोनों को समय से भरें।
उप्र उद्योग व्यापार कल्याण समिति संयोजक बोले
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति के संयोजक संतोष पनामा का कहना है कि यह नियम व्यापारियों के हित में है। जीएसटीआर-1 समय से भरे जाने पर व्यापारियों को आसानी से आइटीसी का लाभ मिल सकेगा।