Influenza: सितंबर तक इंफ्लूएंजा वायरस से भी रहें सावधान, इससे बचने के लिए जरूर लगवाएं टीका
Influenza इंफ्लुएंजा श्वसन तंत्र का संक्रामक रोग है। इस महामारी की शुरुआत 2018-19 में हुई थी। तब 1946 में इसका टीका आ सका था। यह टीका अस्पतालों में हर साल लगाया जाता है। इसका वायरस हमारे शरीर में नाक आंख और मुंह से प्रवेश करता है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कोरोना ही नहीं, 100 साल पहले आए इन्फ्लुएंजा वायरस ने भी लोगों का पीछा अब तक नहीं छोड़ा है। हर साल इसका टीका अस्पतालों में लगाया जाता है ताकि लोगों को वायरस से सुरक्षित रखा जा सके। इस बार भी सितंबर माह तक वायरस के अटैक का अनुमान लगाया जा रहा है इसलिए सरकारी अस्पतालों में इंफ्लुएंजा का टीका जरूर लगवाएं। सामान्य रूप से इसमें भी सर्दी, खांसी, जुकाम ही होता है और भ्रम में रहते हैं कि उन्हें साधारण समस्या है।
जानें क्या है इंफ्लुएंज वायरस
इंफ्लुएंजा श्वसन तंत्र का संक्रामक रोग है। इस महामारी की शुरुआत 2018-19 में हुई थी। तब 1946 में इसका टीका आ सका था। यह टीका अस्पतालों में हर साल लगाया जाता है। इसका वायरस हमारे शरीर में नाक, आंख और मुंह से प्रवेश करता है। वायरस से संक्रमित लोगों के खांसने और छींकने या अन्य व्यक्ति के संपर्क में आने से रोग हो सकता है। वायरस की चपेट में आने पर थकान महसूस होती है। शरीर अस्वस्थ रहता है। कुछ काम करने पर चक्कर आते हैं और खड़े रहने में भी मुुश्किक होती है। तेज बुखार आ सकता है और ठंड भी लग सकती है।
बेली अस्पताल के चिकित्सक का टिप्स
बेली अस्पताल के डा. एमके अखौरी कहते हैं कि इंफ्लुएंजा वायरस से बचाव के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है घर में साफ सफाई रखना। खाने के बर्तन साफ रखें। कुछ भी खाने से पहले हाथ को साबुन से धुलें। वाशरूम का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसके बाद हाथ को अच्छी तरह से धुलें। ऐसा खाना न खाएं जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े। उन्हाेंने बताया कि यह वायरस अधिकतर जुलाई से सितंबर केे बीच ही अटैक करता है। जुलाई माह लगभग बीत रहा है अब सितंबर तक बचाव करना है। जो भी लोग इसका टीका न लगवाए हों, अस्पतालों में जाकर लगवा लें।