Railway News: ट्रेनों को दुर्घटना से बचाने के लिए टीसीए सिस्टम बनेगा सुरक्षा कवच, जानें इसकी खासियत

Railway News उत्तर मध्य रेलवे के दोनों एचडीएन (हाइली डेंसिटी नेटवर्क) रूट पलवल-बीना पं. दीनदयाल उपाध्याय जं.-गाजियाबाद व एचयूएन (हाइली यूटिलाइज्ड नेटवर्क) रूट कानपुर-झांसी नैनी-मानिकपुर और चुनार-चोपन में टीसीएएस (ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम) और एलटीई (लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन) का प्रावधान किया गया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 07:49 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 01:36 PM (IST)
Railway News: ट्रेनों को दुर्घटना से बचाने के लिए टीसीए सिस्टम बनेगा सुरक्षा कवच, जानें इसकी खासियत
ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्‍टम (टीसीएएस) ट्रेनों को दुर्घटना से बचाव का सुरक्षा कवच का काम करेगा।

प्रयागराज, जेएनएन। रेलवे ने स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस (टीसीए) सिस्टम को मंजूरी दी है। यह ट्रेनों को दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाव में सहायक होगा। इससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। परियोजना में अनुमानित निवेश 25,000 करोड़ रुपये से अधिक है। यह परियोजना अगले पांच साल में पूरी होगी। इसका लाभ एनसीआर के पं. दीनदयाल उपाध्याय जं.-गाजियाबाद रेलमार्ग पर भी मिलेगा।

आत्‍मनिर्भर भारत मिशन को बढ़ावा दे रहे पीएम मोदी

भारतीय रेल को स्टेशन परिसर और गाडिय़ों में सार्वजनिक बचाव व सुरक्षा सेवाओं के लिए 700 मेगा हर्ट्ज फ्रीक्वेंसी बैंड में पांच मेगा हर्ट्ज स्पेक्ट्रम के आवंटन संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस स्पेक्ट्रम के साथ ही भारतीय रेल ने अपने मार्ग पर एलटीई (लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन) आधारित मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार प्रदान करने की परिकल्पना की है। आत्मनिर्भर भारत मिशन को बढ़ावा देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम को मंजूरी दी है। यह मौजूदा बुनियादी ढांचे का उपयोग करके अधिक ट्रेनों को समायोजित करने के लिए लाइन क्षमता और सुरक्षा को बेहतर करने में मदद करेगा।

नैनी-मानिकपुर रूट पर भी टीसीएएस व एलटीई का प्रावधान

उत्तर मध्य रेलवे के दोनों एचडीएन (हाइली डेंसिटी नेटवर्क) रूट, पलवल-बीना, पं. दीनदयाल उपाध्याय जं.-गाजियाबाद व एचयूएन (हाइली यूटिलाइज्ड नेटवर्क) रूट, कानपुर-झांसी, नैनी-मानिकपुर और चुनार-चोपन में टीसीएएस (ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम) और एलटीई (लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन) का प्रावधान किया गया है। प्रमुख मुख्य सिग्नल अभियंता अरुण कुमार का कहना है कि स्पेक्ट्रम आवंटन के बाद अब यह काम गति पकड़ेगा।

आधुनिक सिस्टम लागू होने से परिवहन लागत में आएगी कमी

आधुनिक रेल नेटवर्क तैयार होने से परिवहन लागत में कमी आएगी और प्रवाह क्षमता में सुधार होगा। साथ ही यह बहुराष्ट्रीय उद्योगों को अपनी विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए भी आकर्षित करेगा। इससे मेक इन इंडिया मिशन को पूरा करने और रोजगार सृजन में मदद मिलेगी। भारतीय रेल के लिए एलटीई का उद्देश्य परिचालन, बचाव एवं सुरक्षा से जुड़े ऐप्लिकेशन के लिए सुरक्षित एवं भरोसेमंद वॉइस, वीडियो और डेटा संचार सेवाएं प्रदान करना है। इसका उपयोग आधुनिक सिग्नलिंग और ट्रेन सुरक्षा प्रणालियों के लिए किया जाएगा तथा लोको पायलटों व गार्डों के बीच निर्बाध संचार सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा।

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