Indian Railways: प्रयागराज जंक्शन व कानपुर सेंट्रल नए रूप में आएगा नजर, एनसीआर के इन स्टेशनों का होगा पुनर्विकास
Indian Railways आइआरएसडीसी रेलवे के सभी प्रमुख स्टेशनों का पुनर्विकास कर रहा है। इसमें उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज जंक्शन कानपुर सेंट्रल ग्वालियर और आगरा कैंट स्टेशन शामिल हैं। आइआरएसडीसी एमडी और सीईओ संजीव कुमार लोहिया के नेतृत्व में स्टेशनों के पुनर्विकास पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों में से एक प्रयागराज जंक्शन भी है। प्रयागराज जंक्शन कुछ दिनों बाद नए रूप में नजर आएगा। इसके साथ ही कानपुर सेंट्रल स्टेशन का भी पुनर्विकास की योजना बनाई गई है। पुनर्विकास के बाद प्रयागराज जंक्शन में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए जाएंगे।
एनसीआर महाप्रबंधक ने वर्चुअल समीक्षा की
एनसीआर के महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी ने प्रयागराज जंक्शन और कानपुर सेंट्रल स्टेशन के पुनर्विकास योजना की वर्चुअल समीक्षा की। भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (आइआरएसडीसी) के अधिकारी, डीआरएम समेत प्रयागराज डिवीजन और मुख्यालय के अधिकारियों की टीम भी शामिल हुई।
आइआरएसडीसी प्रमुख स्टेशनों का कर रहा पुनर्विकास
आइआरएसडीसी रेलवे के सभी प्रमुख स्टेशनों का पुनर्विकास कर रहा है। इसमें उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज जंक्शन, कानपुर सेंट्रल, ग्वालियर और आगरा कैंट स्टेशन शामिल हैं। आइआरएसडीसी एमडी और सीईओ संजीव कुमार लोहिया के नेतृत्व में स्टेशनों के पुनर्विकास पर विस्तृत प्रस्तुति दी। इन दोनों स्टेशनों को विकसित किया जाएगा।
ये होंगे प्रस्तावित विकास कार्य
स्टेशनों के लिए प्रस्तावित विकास कार्य में सिटी सेंटर का निर्माण, कंजेशन फ्री स्टेशन अर्थात अलग आगमन और प्रस्थान, लिफ्ट, एस्केलेटर समेत अन्य यात्री सुविधाओं के अलावा मौजूदा प्रकृति और स्वरूप का संरक्षण, स्वच्छता, संचार सुविधाएं और परिवहन के अन्य साधनों के साथ संयुक्त विकास शामिल हैं। योजनाओं की तैयारी और अंतिम रूप देते समय, स्टेशन और उसके आसपास के विकास और शहर में मेट्रो आदि के साथ कनेक्टिविटी को भी शामिल किया जा रहा है ताकि यात्रियों को एक सुखद यात्रा का अनुभव प्रदान किया जा सके।
पुनर्विकास के लिए मास्टर प्लान बनाया गया
पुनर्विकास के लिए मास्टर प्लान आइआरएसडीसी द्वारा तैयार किया गया है। रेलवे द्वारा अनुमोदित योजना के अनुसार विकास कार्य करने के लिए एजेंसी के चयन के लिए बोलियों को आमंत्रित करने से पहले जरूरी आकलन किया जा रहा है। जीएम ने कहा कि विकसित की जा रही सुविधाओं में डीएफसी के संचालन के साथ ट्रैफिक के संभावित परिवर्तन और वृद्धि सहित प्रयागराज छिवकी, सूबेदारगंज, गोविंदपुरी आदि जैसे सैटेलाइट स्टेशनों के विकास को भी ध्यान में रखा जाए। उन्होंने इस पर विशेष बल दिया कि शहर और आस-पास के स्थानों के विकास के अनुरूप ही स्टेशन पर विकास होना चाहिए, ताकि यह दीर्घकालिक आधार पर जनता की आकांक्षा को पूरा करने में सक्षम रहे।