रिफाइंड और पामोलिन की कीमतों में बढ़ोतरी, डीजल का दाम बढ़ने से माल भाड़ा में इजाफा होना है वजह

डीजल की कीमतें नहीं घटी तो खाद्य तेलों के खेतों में और बढ़ोतरी संभावित है। इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद केसरवानी का कहना है कि कंपनियों द्वारा दाम में वृद्धि की वजह माल भाड़ा में बढ़ोतरी होना बताया जा रहा है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 12:30 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 12:30 PM (IST)
रिफाइंड और पामोलिन की कीमतों में बढ़ोतरी, डीजल का दाम बढ़ने से माल भाड़ा में इजाफा होना है वजह
सोयाबीन फॉर्चून यानी रिफाइंड और पामोलिन की कीमत में ₹1 लीटर की फिर बढ़ोतरी हुई है

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। डीजल की कीमतों में वृद्धि की वजह से माल भाड़ा बढ़ने का असर खाद्य तेलों की कीमतों पर भी पड़ रहा है। सोयाबीन फॉर्चून यानी रिफाइंड और पामोलिन की कीमत में ₹1 लीटर की फिर बढ़ोतरी हुई है। इससे महिलाओं के किचन का बजट भी बिगड़ता जा रहा है।

डीजल का दाम नहीं घटा तो और बढ़ेगी कीमत

पिछले सप्ताह सरसों के तेल की कीमत ₹25 सो से बढ़कर 2580 रुपए 15 किलो का टिन हो गया था। इसी प्रकार रिफाइंड का दाम 2150 से बढ़कर 2230 और पामोलिन का रेट 2000 से बढ़कर 2070 रुपए 15 किलो टिन तक पहुंच गया था। लेकिन इस सप्ताह रिफाइंड और पामोलिन की कीमतों में करीब 15 से ₹20 टिन की फिर बढ़ोतरी हुई है। रिफाइंड का दाम बढ़कर 2250 रुपए और पामोलिन की कीमत ₹2080 हो गई है। इसी प्रकार फुटकर में सरसों के तेल का रेट 155 से ₹160 किलो, पामोलिन की कीमत 115 से 120 रुपए किलो और रिफाइंड का दाम 130 से 135 रुपए किलो हो गया है। बता दें कि होली के बाद से खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी से वृद्धि होनी शुरू हुई थी। खाद्य तेलों की कीमतों में 300 से ₹400 तक की बढ़ोतरी हो गई थी। हालांकि करीब 1 डेढ़ महीने पहले खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट शुरू हुई थी। लेकिन डीजल की कीमतों में वृद्धि होने के कारण इधर खाद्य तेलों के दामों में फिर तेजी आनी शुरू हो गई है। डीजल की कीमतें नहीं घटी तो खाद्य तेलों के खेतों में और बढ़ोतरी संभावित है। इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद केसरवानी का कहना है कि कंपनियों द्वारा दाम में वृद्धि की वजह माल भाड़ा में बढ़ोतरी होना बताया जा रहा है।

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