आयकर विभाग ने पांच हजार करदाताओं को भेजी नोटिस, मच गई खलबली

आयकर विभाग की नोटिस का जवाब न देने पर फिर से कर निर्धारण किया जाएगा। इससे बचने के लिए करदाता अब कर विशेषज्ञों से सलाह ले रहे हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 23 Mar 2019 12:53 PM (IST) Updated:Sat, 23 Mar 2019 12:53 PM (IST)
आयकर विभाग ने पांच हजार करदाताओं को भेजी नोटिस, मच गई खलबली
आयकर विभाग ने पांच हजार करदाताओं को भेजी नोटिस, मच गई खलबली

प्रयागराज : आयकर विभाग ने ऐसे करीब पांच हजार आयकर करदाताओं को नोटिस जारी किया है, जिन्होंने अपने बैंक बचत खाते में 10 लाख रुपये से ज्यादा नकद जमा किया था। अथवा चालू खाते में 50 लाख रुपये से ज्यादा नकद जमा व निकासी की थी। इससे करदाताओं में खलबली मची है। नोटिस का जवाब देने के लिए करदाता कर विशेषज्ञों से राय-मशविरा कर रहे हैं। हालांकि तय तिथि के अंदर नोटिस का जवाब संबंधित कर निर्धारण अधिकारी के पास जमा नहीं करने पर फिर से कर निर्धारण संभव है।

करदाता की राशि का स्रोत जानना चाहता है विभाग

विभाग ऐसे करदाताओं को आयकर अधिनियम की धारा 133 (6) के तहत नोटिस जारी कर यह जानना चाहता है कि उनके द्वारा जमा की गई नकद धनराशि का स्रोत क्या था। रकम नकद निकाली गई तो उसका प्रयोजन क्या था। क्या यह ट्रांजेक्शन बैंकिंग माध्यम से नहीं होते थे। यदि इस नोटिस का माकूल जवाब 31 मार्च के पहले संबंधित कर निर्धारण अधिकारी को नहीं दिया गया तो ऐसे में हो सकता है कि धारा 147 के तहत करदाताओं का फिर से कर निर्धारण किया जाएगा। पुनर्कर निर्धारिण स्क्रूटनी की भांति होता है। इसलिए इस झंझट से बचने के लिए करदाता नोटिस का जवाब जरूर दें।

क्या करें करदाता

केंद्रीय प्रत्यक्षकर मूल्यांकन सलाहकार डॉ. पवन जायसवाल कहते हैं कि ऐसे में करदाताओं को चाहिए कि वह सबसे पहले बैंक स्टेटमेंट निकलवा लें। नकद जमा अथवा निकासी की विवेचना करके स्वयं आयकर विवरणी की प्रतिलिपि लगाते हुए स्रोतों की जानकारी के साथ आयकर विभाग में जमा कर दें। यदि किन्हीं कारणों से वह शहर से बाहर हैं तो ऐसे में जिस कर निर्धारण अधिकारी ने नोटिस भेजी है, उनसे फोन के जरिए ई-मेल प्राप्त करके उसके जरिए अथवा विभागीय वेबसाइट पर जवाब दे सकते हैं।

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