मेडिकल कालेज में दाखिले के नाम पर नोएडा के युवकों ने की थी ठगी, छात्रा से 17 लाख वसूले थे

यहां रिपोर्ट दर्ज होने से पहले गैंग से जुड़े दो सदस्य कोर्ट में सरेंडर किए थे जबकि दो को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। अब कोतवाली पुलिस अपने यहां दर्ज मुकदमे में आरोपितों का रिमांड बनवाएगी ताकि आरोपितों पर शिकंजा कसा जा सके।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 03:49 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 03:49 PM (IST)
मेडिकल कालेज में दाखिले के नाम पर नोएडा के युवकों ने की थी ठगी, छात्रा से 17 लाख वसूले थे
मेडिकल कालेज में दाखिले के नाम पर 17 लाख रुपये वसूली के मामले में पुलिस जांच कर रही है।

प्रयागराज, जेएनएन। मेडिकल कालेज में एमबीबीएस में दाखिला करवाने के नाम पर 17 लाख की ठगी करने वाला गैंग का नोएडा का है। मामले में नामजद चार आरोपितों इस वक्त जेल में, जबकि गैंग का सरगना सचिन अभी फरार है। धोखाधड़ी के मामले में कालेज के कई कर्मचारी भी संलिप्त हैं। मुकदमे की तफ्तीश में जुटी कोतवाली पुलिस को यह जानकारी लगी है, जिसके बाद आरोपितों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की तैयारी शुरू की जा रही है।

पुलिस का कहना है कि जिस तरह से प्रतापगढ़ निवासी सुरेंद्र यादव को उनकी बेटी का दाखिला कराने के नाम पर ठगा गया है। उसी तरह बरेली के एक शिक्षक व नोएडा के कुछ लोगों से धोखाधड़ी की गई है। छानबीन में पता चला है कि यहां रिपोर्ट दर्ज होने से पहले गैंग से जुड़े दो सदस्य कोर्ट में सरेंडर किए थे, जबकि दो को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। अब कोतवाली पुलिस अपने यहां दर्ज मुकदमे में आरोपित तानी, पंकज खटिक, आदर्श व डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह का रिमांड बनवाएगी ताकि आरोपितों पर शिकंजा कसा जा सके।

कुछ दिन पहले आसपुर देवसरा निवासी सुरेंद्र यादव ने कोतवाली थाने में पांच लोगों के खिलाफ दाखिला कराने के नाम पर 17 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस इस मामले में जांच को आगे बढ़ाया तो आरोपितों के बारे में जानकारी मिली। यह भी पता चला है कि सुरेंद्र अपनी बेटी के साथ नोएडा जाकर ही सचिन से मुलाकात की थी। इसके बाद 21 लाख में एडमिशन की बात फाइनल करते हुए शैक्षिक प्रमाण पत्र की फोटोकापी ली थी। इसके बाद सिविल लाइंस प्रयागराज शिव महिमा क्लीनिक में सचिन से मुलाकात हुई थी। इस आधार पर पुलिस क्लीनिक व अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है।

जांच में पुलिस को यह भी पता चला है कि गिरोह के लोगों से कालेज के कुछ कर्मचारी भी मिले हुए हैं। कर्मचारी ठगी करने वाले युवकों को पल्मनोलजी डिपार्टमेंट की चाबी दे देते थे। इसके बाद कुछ शातिर खुद को प्रोफेसर बताते हुए काउंसङ्क्षलग करते थे। इस आधार पर पुलिस मान रही है कि सचिन की गिरफ्तारी होने पर कालेज के कर्मचारियों की मिलीभगत से पर्दा उठ जाएगा।

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