जान खतरे में डालकर सेवा के बावजूद हुए हमले, इसके खिलाफ प्रयागराज के भी डाक्टर करेंगे 18 को विरोध प्रदर्शन
शहर के प्रीतम नगर और जार्जटाउन में भी डाक्टर हमले का शिकार हुए। प्रतापगढ़ में भी ऐसा कई बार हुआ। देश भर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसके विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने शुक्रवार 18 जून को विरोध का आहवान किया है।
प्रयागराज, जेएनएन। पिछले दिनों कोरोना की दूसरी लहर के दौरान डाक्टरों पर हमले और मारपीट की कई घटनाएं हो चुकी हैं। प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में दो बार ऐसी घटनाएं हुई जबकि शहर के प्रीतम नगर और जार्जटाउन में भी डाक्टर हमले का शिकार हुए। प्रतापगढ़ में भी ऐसा कई बार हुआ। देश भर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसके विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने शुक्रवार 18 जून को विरोध का आहवान किया है। प्रयागराज में आइएमए की इलाहाबाद शाखा ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।
जोखिम लेकर भी इलाज के बाद भी हिंसक रवैया ठीक नहीं
इस बाबत मंगलवार को प्रेस वार्ता में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डा. एमके मदनानी ने कहा कि पिछले सवा साल में कोरोना वायरस महामारी के दौरान डॉक्टरों ने अपनी जान खतरे में डालकर भी मरीजों का इलाज पूरे सेवाभाव से जारी रखा है। जाने कितने डाक्टरों की जान चली गई तो बहुत से लगातार जोखिम के बीच ड्यूटी करते रहे। इसके बाद भी डाक्टरों को मरीजों और उनके घरवालों के हिंसक रूख का सामना करना पड़ रहा है। जब-तब उन्हें धमकाया जाता है और मारपीट की जाती है। ऐसे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आहवान पर 18 जून को इन हमलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि डाक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। डाक्टरों पर होने वाली हिंसात्मक घटनाओं के मुकदमों का निस्तारण फास्ट ट्रैक कोर्ट से किया जाए। डाक्टरों ने कहा कि जब तक उनकी मांग नहीं पूरी होती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। वीमेंस डाक्टर्स विंग की अध्यक्ष अमिता त्रिपाठी ने कहा कि कुछ दिनों पहले एसआरएन अस्पताल में महिला मरीज से आपरेशन थिएटर में बदसलूकी का गलत आरोप लगाया गया। दुभार्ग्य से गंभीर बीमारी की वजह से महिला का निधन हो गया। यह पूरी तरह आपरेशन की प्रक्रिया को नहीं समझ पाने का मामला है। पत्रकारों से वार्ता में डा. सुजीत सिंह, डा. राजेश मौर्या, डा.अर्चना जैन, डा. तरुण पांडेय, डा. अनिल शुक्ल, डा. अभिलाषा चतुर्वेदी, डा. राधारानी घोष, डा. ललिता शुक्ला, डा.अनिल शुक्ल आदि मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों एसआरएन अस्पताल के मामले के बाद जूनियर डाक्टरों ने विरोध में सड़क पर आकर जुलूस भी निकाला था।