करछना में प्रयागराज-मीरजापुर रोड पर डंपर-पिकअप में टक्कर, तीन की मौत व छह जख्मी Prayagraj News
मांडा से पिकअप में फूल लादकर नैनी के फूलमंडी लेकर एक दर्जन से अधिक लोग आ रहे थे। करछना में अनियंत्रित डंपर ने पिकअप में टक्कर मारी। हादसे में तीन की मौत व छह जख्मी हुए।
प्रयागराज, जेएनएन। यमुनापार के करछना इलाके में मंगलवार सुबह मीरजापुर मार्ग पर डंपर की टक्कर से पिकअप सवार तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए। सुबह सड़क पर धुंध के दौरान डंपर का चालक वाहन से नियंत्रण खो बैठा और हादसा हो गया। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मीरजापुर से परिवार के लोगों के आने के बाद मृतकों का पोस्टमार्टम किया गया।
नैनी फूलमंडी आ रही थी पिकअप
यह दुर्घटना मंगलवार सुबह करीब पांच बजे हुई। मीरजापुर से फूल लादकर नैनी फूल मंडी की तरफ आ रही पिकअप जब देवरी कला के करीब पहुंची तभी विपरीत दिशा से आया डंपर उससे भिड़ गया। दोनों गाडिय़ां रफ्तार में थीं। धुंध भी थी। जबरदस्त टक्कर से दोनों गाडिय़ां क्षतिग्र्रस्त हो गईं। चीख-पुकार मची तो ग्र्रामीण मौके पर जुटे और पुलिस को खबर दी। भीरपुर चौकी प्रभारी योगेश सिंह ने पुलिसकर्मियों की मदद से पिकअप में फंसे घायलों को बाहर निकाला। तब तक तीन लोगों की मौत हो गई थी।
हादसे में दो सगे भाई समेत तीन की मौत
छह घायलों को पहले सीएचसी करछना ले जाया गया, फिर से वहां से एसआरएन भेजा गया। मीरजापुर के नकटा क्षेत्र निवासी सगे भाई संजय कुमार (37) और रमाकांत (39) पुत्र लालचंद्र तथा जोधी बिरौरा निवासी जटाशंकर (45) ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। घायलों में सदानंद मौर्य, रामेश्वर प्रसाद, बलवंत, भुल्लर, ओमप्रकाश और अवधेश कुमार का इलाज हो रहा है। पिकअप ड्राइवर अरुण कुमार बिंद भी जख्मी हुआ है। टक्कर के बाद डंपर का ड्राइवर भाग निकला। उसके खिलाफ करछना थाने में केस लिखा गया है। डंपर मालिक के जरिए उसका पता लगाया जा रहा है।
छाएगा घना कोहरा, जरूरी है सावधानी
शहर और ग्र्रामीण इलाकों में भोर में धुंध छाने लगी है। बदलते मौसम के साथ जल्द ही सुबह घना कोहरा छाने का भी अनुमान है। ऐसे में सड़क पर जरा सी लापरवाही घातक साबित हो सकती है। हर साल सर्दियों में कोहरे के कारण जनपद में होने वाली दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में लोग जान गंवाते हैं। घायलों की तादाद बहुत रहती है। ऐसे में गाड़ी में इंडीकेटर, डीपर का इस्तेमाल, कोहरे में कम रफ्तार ही बचाव है। कोहरे में सड़क किनारे खड़ी गाडिय़ां नहीं दिखती हैं जिनसे भिडऩे का खतरा रहता है। ट्रैफिक इंस्पेक्टर राकेश प्रताप सिंह ने बताया कि कोहरे को ध्यान में रखते हुए दुर्घटना बहुल स्थानों पर रिफलेक्टर और चमकने वाले यातायात संकेतक लगाए जा रहे हैं।