Prayagraj Electricity Crisis: बिजली आपूर्ति को लेकर देर रात तक परेशान रहे एक दर्जन मोहल्ले के लोग, समस्या अब भी है
Prayagraj Electricity Crisis बारिश के दौरान तेज हवा चलने के कारण कई जगह पेड़ बिजली के तारों पर गिर गए जिस कारण तार टूट गए। मलाकराज बाई का बाग और मानसरोवर के पास पेड़ बिजली के तारों पर गिर पड़ा जिससे रामबाग उपखंड से होने वाली आपूर्ति ठप हो गई।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। उमस भरी गर्मी से परेशान लोगों को बारिश ने राहत दी। हालांकि बारिश के कारण लोग परेशान भी रहे। बिजली आपूर्ति प्रभावित होने से यह समस्या रात से शुरू होकर अभी तक बरकरार है। बारिश के कारण शुक्रवार देर शाम से बिजली को लेकर शहर के दर्जनभर मोहल्लों में ऐसा हाहाकार मचा कि देर रात तक जारी रहा। उमस भरी गर्मी में लोग बिना बिजली के तड़प उठे। कर्मचारी मरम्मतीकरण के लिए इधर-उधर दौड़ते रहे और धीरे-धीरे एक-एक मोहल्ले की आपूर्ति बहाल कराई। हालांकि, व्यवस्था कामचलाऊ की गई, जिस कारण बिजली की आवाजाही का सिलसिला शनिवार सुबह तक जारी रहा।
शहर के कई इलाकों में पेड़ गिरने के कारण हुई परेशानी
बारिश के दौरान तेज हवा चलने के कारण कई जगह पेड़ बिजली के तारों पर गिर गए, जिस कारण तार टूट गए। मलाकराज, बाई का बाग और मानसरोवर के पास पेड़ बिजली के तारों पर गिर पड़ा, जिससे रामबाग उपखंड से होने वाली आपूर्ति ठप हो गई। आजाद नगर, साउथ मलाका, रामबाग, मानसरोवर, डी रोड, मलाकराज, बाई का बाग, कोठापार्चा समेत अन्य इलाके प्रभावित हो गए। कर्मचारी मरम्मतीकरण के लिए पहुंचे, लेकिन अंधेरा होने के कारण उनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं स्थानीय लोग भी बिजली आपूर्ति ठप होने से आक्रोशित रहे।
कटघर में केबल में लगी आग ने ठप कर दी आपूर्ति
गऊघाट उपकेंद्र से संबंधित कटघर मोहल्ले में केबल में शुक्रवार देर रात आग लग गई, जिससे लोगों में अफरातफरी मच गई। सूचना बिजली विभाग के अधिकारियों को दी गई तो आपूर्ति बंद कराई गई। कुछ देर बाद आग खुद ही बुझ गई। कर्मचारियों ने मरम्मतीकरण शुरू किया और शनिवार को भोर में आपूर्ति बहाल हुई। इस दौरान कटघर और इसके आसपास के इलाके अंधेरे में डूबे रहे। हालांकि, आपूर्ति बहाल होने के बाद भी बिजली की आवाजाही जारी रही और लोग परेशान रहे। यानी शनिवार सुबह तक अनेक इलाकों के लोगों को बिजली समस्या से जूझना पड़ा। बिजली न रहने से पेयजल किल्लत भी उत्पन्न हो गई। पानी के लिए लोग इधर-उधर भटकने पर विवश रहे।