एनआइसी में दिव्यांगों व वृद्धाओं की नए सिरे से नहीं हुई फीडिंग

सर्वे फार्म में गड़बड़ी के चलने दिव्यांगों, वृद्धाओं और विधवाओं को दिक्कत होगी। शासन की ओर से जिले के ऐसे पात्रों का सर्वे कराने के बाद एनआइसी में फीडिंग करानी थी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 01:03 PM (IST) Updated:Tue, 11 Sep 2018 01:03 PM (IST)
एनआइसी में दिव्यांगों व वृद्धाओं की नए सिरे से नहीं हुई फीडिंग
एनआइसी में दिव्यांगों व वृद्धाओं की नए सिरे से नहीं हुई फीडिंग

जासं, इलाहाबाद : शासन की ओर से जिले की वृद्धा, विधवा और दिव्यांगों का नए सिरे से सर्वे कराने का निर्देश पिछले महीने हुआ था। सर्वे में जुटाए गए आंकड़े की फीडिंग एनआइसी में सोमवार तक कराया जाना था, लेकिन फीडिंग का काम पूरा नहीं हो सका। अहम बात यह कि आधे से ज्यादा सर्वे फार्म गड़बड़ होने से लाभार्थियों को लाभ मिलने पर भी अंदेशा जताया जा रहा है।

दरअसल, ऐसे लोगों का सर्वे कराने का मकसद यह है कि अगर लाभार्थी योजनाओं का लाभ पाने से वंचित रह गए हैं, तो उन्हें भी लाभ के दायरे में लाया जा सके। इसी मकसद से जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से वृद्धा, जिला दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग की ओर से दिव्यांगों और प्रोवेशन विभाग की ओर से विधवाओं का सर्वे कराया जा रहा है। जिले में अभी 21663 दिव्यांगों को हर महीने पांच सौ रुपये पेंशन मिलती है। सर्वे करीब छह हजार दिव्यांगों का ही कराया जा सका है। यानी इतने दिव्यांगों का ही डेटा फीड किया जा सका है। जिले में एक लाख 27 हजार 469 वृद्धाओं को भी क्रमश: पांच सौ और चार सौ रुपये महीने पेंशन मिल रही है। 80 साल से कम उम्र की वृद्धाओं को 400 और इससे ज्यादा आयु की वृद्धाओं को पांच सौ रुपये पेंशन मिलती है। लेकिन करीब 50 फीसद ही सर्वे और फीडिंग का काम हो सका है। सबसे ज्यादा गड़बड़ी भी वृद्धाओं के फार्म में हुई है। आवेदन फार्म के पूरे कॉलम भराए ही नहीं गए हैं। इसी तरह की गड़बड़ी विधवाओं के फार्मो में भी हुए हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी का कहना है कि पेंशन के लिए फार्म फिर से भराए जाएंगे।

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