Narendra Giri Case में सवाल कि क्यों चल रहा था पंखा, सेवादारों ने कहा, गलती से दबा बटन
महंत की मृत्यु के कुछ दिन बाद उस कमरे का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो के आधार पर मठ के कतिपय शिष्य सेवादार से लेकर दूसरे लोगों ने भी सवाल उठाया था। इसमें पंखा चलने से लेकर रस्सी काटने तक से जुड़े कई सवाल थे।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। महंत नरेंद्र गिरि जब फंदे पर लटके थे, तब कमरे की लाइट और पंखा बंद था। दरवाजे को धक्का देकर भीतर पहुंचे सेवादार बबलू, सुमित और धनंजय ने महंत की हालत देख हतप्रभ रह गए। आनन-फानन उन्हें फंदे से नीचे किसी तरह उतारा। इसके बाद एक सेवादार ने कमरे की लाइट जलाने के लिए बिजली के बोर्ड पर लगे बटन को अपने हाथ की अंगुली से दबाया, मगर हड़बड़ी में बल्ब के साथ पंखे का बटन भी दब गया। इससे लाइट आन होने के साथ पंखा भी चल गया था। ऐसा महज जल्दबाजी के कारण हुआ था। इसके पीछे कोई रहस्य या साजिश नहीं है। ऐसे में कह सकते हैं कि अब पंखा चलने के पीछे कोई सवाल नहीं रहा है।
पुलिस को घटना के बाद अतिथि गृह का पंखा चलता मिलने की वजह के बारे में यह बात सेवादारों से सीबीआइ की पूछताछ में सामने आया है। इस आधार पर माना जा रहा है कि कथित आत्महत्या के दौरान पंखा चल नहीं रहा था। दिन का मामला होने के कारण उस अतिथि कक्ष में अंधेरा नहीं था। ऐसे में फंदा लगाने में ज्यादा परेशानी नहीं हो सकती थी। हालांकि कई सवाल अभी भी ऐसे हैं, जिसका जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है। मगर कहा जा रहा है कि सीबीआइ की टीम लगातार सच्चाई का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
वायरल वीडियो के बाद उठा था यह सवाल
महंत की मृत्यु के कुछ दिन बाद उस कमरे का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो के आधार पर मठ के कतिपय शिष्य, सेवादार से लेकर दूसरे लोगों ने भी सवाल उठाया था। इसमें पंखा चलने से लेकर रस्सी काटने तक से जुड़े कई सवाल थे। सूत्रों का कहना है कि जिस तरह पंखा चलने के सवाल का जवाब सीबीआइ ने हासिल किया है, उसी तरह रस्सी के तीन टुकड़ों में होने का भी पता लगा लिया गया है।