नरेंद्र गिरि केस में CBI ने क्राइम सीन दोहराया, फंदे से 85 किलो वजन लटकाकर लिया जायजा

सीबीआइ ने 85 लोहे का बाट मंगवाया। इसके बाद उसे कमरे में ले जाकर घटना का सीन दोहराने की प्रक्रिया शुरू की गई। सूत्रों के अनुसार कमरे में उसी तरह फंखे के चुल्ले से रस्सी बांधी गई और फिर वजन लटकाकर सीबीआइ ने सीन को परखा।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 05:00 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 10:04 AM (IST)
नरेंद्र गिरि केस में CBI ने क्राइम सीन दोहराया, फंदे से 85 किलो वजन लटकाकर लिया जायजा
महंत मृत्यु प्रकरण में फोरेंसिक एक्सपर्ट और फील्ड यूनिट ने किया सीन री-क्रिएशन

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की टीम रविवार सुबह श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी फिर पहुंची। यहां अधिकारियों ने फोरेंसिक एक्सपर्ट, फील्ड यूनिट व दूसरे सदस्यों के साथ काफी देर तक सीन री-क्रिएशन का खाका तैयार किया। फिर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में जिस कमरे में कथित तौर पर महंत फंदे पर लटके थे, उसका ताला खोला।

20 सितंबर को ही सील किया गया था कमरा

इस कमरे को 20 सितंबर को पुलिस ने सील कर दिया था। सीबीआइ टीम ने कुछ देर बाद मठ के विद्यार्थियों और सेवादारों से 20-20 किलोग्राम के चार और पांच किलोग्राम का एक लोहे का बाट मंगवाया। इसके बाद उसे कमरे में ले जाकर घटना की सीन दोहराने की प्रक्रिया शुरू की गई। सूत्रों का कहना है कि कमरे में उसी तरह फंखे के चुल्ले से रस्सी बांधी गई और फिर वजन लटकाकर सीबीआइ ने सीन को परखा। सेवादार बबलू, सुमित और धनंजय ने दरवाजा तोड़ने से लेकर महंत को फंदे से उतारने व फंदा काटने की घटना को दोहराया।

सीबीआइ ने दो बार दोहराया क्राइम सीन

माना गया था कि महंत का वजन 85 किलो के आसपास रहा होगा, जिसके आधार पर एक्सपर्ट ने अपने अनुसार घटना को परखा। इस दौरान सारे तथ्यों, दृश्यों और सेवादारों के बयान व सीन दोहराने के दौरान शारीरिक हावभाव को भी समझा गया। इसमें प्रयागराज पुलिस की फील्ड यूनिट को भी शामिल किया गया था, जिन्होंने घटना के बाद अपनी ओर से उठाए गए कदम व साक्ष्य संकलित करने के बारे में बताया। सीबीआइ टीम दो बार सीन री-क्रिएट करने के बाद वैज्ञानिक साक्ष्यों का विश्लेषण करते हुए घटना के वक्त कमरे की स्थिति समेत कई बिंदु पर छानबीन शुरू की। यह भी पता लगाया गया कि महंत की मौत से पहले और उसके बाद कमरे में क्या-क्या बदलाव संभावित है। सीन री-क्रिएशन के साथ ही सीबीआइ टीम ने अखाड़ा के दूसरे संतों, शिष्यों, सेवादारों समेत अन्य लोगों से पूछताछ की। सीबीआइ सुबह करीब 11 बजे मठ पहुंची और दिनभर छानबीन, पूछताछ, सीन दोहराने से लेकर अन्य कार्रवाई की।

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