घर और दुकान में पीडीए की तोड़फोड़ से बचना है तो आगे छोड़ दें जमीन, निर्धारित सेटबैक को छोड़कर करें निर्माण
अगर आपको भविष्य में प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) की तोडफोड़ की कार्रवाई से बचना है तो अपने मकान अथवा प्रतिष्ठान का निर्माण कराते समय आगे की जमीन जरूर छोड़ दें। निर्धारित सेटबैक को छोड़कर निर्माण करने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से बचे रहेंगे।
प्रयागराज, जेएनएन। अगर आपको भविष्य में प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) की तोडफोड़ की कार्रवाई से बचना है तो अपने मकान अथवा प्रतिष्ठान का निर्माण कराते समय आगे की जमीन जरूर छोड़ दें। निर्धारित सेटबैक को छोड़कर निर्माण करने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से बचे रहेंगे। अन्यथा किसी न किसी रोज हथौड़ा चलना तय है।
नक्शे से इतर निर्माण पड़ेगा भारी
मकान, दुकान, प्रतिष्ठान आदि निर्माण कराने के लिए प्राधिकरण से नक्शा पास कराने पर उसमें रोड वाइडिंग व सेटबैक के लिए निर्धारित जमीन छोडऩे का उल्लेख रहता है। लेकिन, बहुत से लोग इसका ख्याल नहीं रखते हैं और निर्माण करा लेते हैं। ऐसे मामलों में भवन स्वामियों के खिलाफ नोटिस जारी होने के साथ उतने हिस्से के ध्वस्तीकरण का आदेश भी प्राधिकरण पारित करता है। उसी के मुताबिक तोडफ़ोड़ की जाती है। लिहाजा, इससे बचने के लिए रोड वाइडिंग व सेटबैक छोड़ देना ही बेहतर है। उल्लेखनीय है कि इन दिनों अवैध निर्माणों के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है।
आवासीय भूखंडों में पौधारोपण जरूरी
पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी प्रकार के आवासीय भूखंडों में नक्शा पास कराने के बाद पौधारोपण कराना अनिवार्य है। 200 वर्गमीटर से कम क्षेत्रफल पर एक पौधा, 200 से 300 वर्गमीटर में दो, 301 से 500 वर्गमीटर क्षेत्रफल में चार पौधे लगाना जरूरी है। पांच सौ वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल में प्रति 100 वर्गमीटर पर एक पौधा और ग्रुप हाउसिंग योजना में प्रति हेक्टेयर 50 पौधे लगाना आवश्यक है।
कामर्शियल और शैक्षिक संस्थानों में सोलर वॉटर हीटर संयंत्र लगाना भी जरूरी
अस्पताल, नर्सिंग होम, होटल, अतिथिगृह, विश्रामगृह, छात्रावास, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, प्राविधिक संस्थाओं, प्रशिक्षण केंद्रों, सशस्त्र बल, अर्ध सैनिक बल, पुलिस बल के बैरक, सामुदायिक केंद्र, बैंक्वेट हाल, मैरिज होम अथवा 500 मीटर से अधिक क्षेत्रफल के आवासीय भवनों में सोलर वॉटर हीटर संयंत्र की स्थापना करना भी जरूरी है। विशेष कार्याधिकारी आलोक कुमार पांडेय का कहना है कि नक्शे और नियम के मुताबिक निर्माण कराने पर कोई दिक्कत नहीं होगी। समय-समय पर इसके बारे में विज्ञापनों के जरिए जानकारियां दी भी जाती हैं।