COVID से फेफड़े कमजोर हो गए हैं तो खुले स्थान पर रोज करें ऊं का जाप, जानें योगाचार्य के टिप्स
योगाचार्य दिनेश दुबे कहते हैं कि 5 7 11 और 21 बार ऊं का उच्चारण काफी अच्छा और फायदेमंद माना गया है। ऊं बोलने से पहले गहरी सांस भरें। फिर ऊं का जाप करते हुए सांस धीरे-धीरे छोड़ें। अपने मुंह को खोलते हुए जितना संभव हो सके आवाज उठाएं।
प्रयागराज, जेएनएन। पहली और दूसरी लहर में कोरोना से जो भी लोग संक्रमित हुए और जिन्हें वायरस का सीवियर अटैक हुआ था उन्हें सांस लेने में अब भी दिक्कत हो रही है। चेस्ट फिजीशियन के संपर्क में ऐसे कई लोग आ रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अस्पतालों में पोस्ट कोविड मरीजों को डाक्टर फेफड़े में खराबी बताकर फिजियोथेरपी करा रहे हैं और कुुछ अन्य एक्सरसाइज कराते हैं। वही आप घर में भी कर सकते हैं। जानिए कैसे।
करें ऊं का जाप, मिलेगा फायदा
ऊं का उच्चारण करने से सांसें तेज हो जाती हैं। खासतौर से इसका उच्चारण खुले स्थान पर करना चाहिए। ऊं का उच्चारण सुखासन, पद्मासन, वज्रासन में बैठकर ही करना चाहिए। योगाचार्य दिनेश दुबे कहते हैं कि 5, 7, 11 और 21 बार ऊं का उच्चारण काफी अच्छा और फायदेमंद माना गया है। ऊं बोलने से पहले गहरी सांस भरें। जितना हो सके सांस भरें फिर ऊं का जाप करते हुए सांस धीरे-धीरे छोड़ें। अपने मुंह को खोलते हुए जितना संभव हो सके आवाज उठाएं। इससे फेफड़ों की क्षमता काफी मजबूत होगी और यही फेफड़े की सबसे अच्छी एक्सरसाइज है।
चेस्ट रोग विशेषज्ञ के इस सलाह पर भी दें ध्यान
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के चेस्ट रोग विशेषज्ञ डा. अमिताभ दास शुक्ला कहते हैं कि यह सांस लेने की एक तकनीक है। इससे आपकी सांंस लेने की गति धीमी और प्रभावी होती है। बताया कि जितना हो सके कंधों को आराम दें। दो सेकेंड के लिए नाक से सांस लें, हवा को अपने पेट में जाते हुए महसूस करें। पेट को हवा से भरने का प्रयास करें। अपने होठों को गोल आकर का बनाएं और पेट में भरी सांस को मुंह से धीरे-धीरे छोड़ें। समय के साथ आप सांस को दो चार सेकेंड बढ़ा सकते हैं। इस एक्सरसाइज को स्वयं करते रहने से आपके फेफड़े में आराम महसूस करेंगे।