प्रयागराज के एक थाने में दर्ज मामले में पुलिस की थोड़ी सी चूक पर मामला हो जाता बंद

धूमनगंज थाने में अख्तरी के नाम से एक हलफनामा पहुंचा। इसमें कहा गया था कि उसका दूसरे पक्ष से समझौता हो गया है। इसलिए अब वह कोई कार्रवाई नहीं चाहती। यह हलफनामा इंस्पेक्टर अरुण चतुर्वेदी के पास पहुंचा तो उनको संदेह हो गया और इसकी जांच शुरू कर दी।

By Brijesh Kumar SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 10 Jan 2021 11:52 AM (IST) Updated:Sun, 10 Jan 2021 11:52 AM (IST)
प्रयागराज के एक थाने में दर्ज मामले में पुलिस की थोड़ी सी चूक पर मामला हो जाता बंद
प्रयागराज शहर के धूमनगंज थाने में दर्ज एक मामले में पुलिस उदासीनता दिखाती तो वह उसे ही भारी पड़ जाती।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज शहर के धूमनगंज थाने में दर्ज एक मामले में अगर पुलिस थोड़ी भी उदासीनता दिखाती तो वह उसे ही भारी पड़ जाती। इसमें कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ लापरवाही बरतने पर कार्रवाई भी होती। हुआ यूं कि जानलेवा हमले के मामले में दर्ज रिपोर्ट में समझौता करने के लिए पुलिस को एक हलफनामा भिजवाया गया। पुलिस को संदेह हुआ तो वह महिला के घर पहुंच गई। यहां महिला से पूछताछ की गई तो उसने हलफनामा देने से इन्कार कर दिया। इस पर पुलिस दंग रह गई। उसकी समझ में आ गया कि किसी ने जान बूझकर ऐसा किया था, ताकि मामला समाप्त हो जाए। 

अख्तरी के नाम से दिया गया था हलफनामा

धूमनगंज थाने में अख्तरी के नाम से एक हलफनामा पहुंचा। इसमें कहा गया था कि उसका दूसरे पक्ष से समझौता हो गया है। इसलिए अब वह कोई कार्रवाई नहीं चाहती। यह हलफनामा इंस्पेक्टर अरुण चतुर्वेदी के पास पहुंचा तो उनको संदेह हो गया और इसकी जांच शुरू कर दी। 

क्या था मामला

धूमनगंज थाना क्षेत्र के राजरूपपुर में 60 फीट रोड पर करीब दो माह पहले दो पक्षों में विवाद के बाद फायरिंग की गई थी। इसमें अनूप त्रिपाठी जख्मी हो गया था। मामले में कसारी मसारी निवासी अख्तरी ने असरौली निवासी अकरम व उसके साथियों साहिल व आजम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि उसका देवर नवी अहमद चकिया निवासी रवि पासी हत्याकांड में गवाह है। गवाही से रोकने के लिए माफिया अतीक अहमद के गुर्गे पहले से ही धमकी दे रहे थे। माफिया के करीबी अकरम ने उस पर फायरिंग की।

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