मैं हूं हुमेदुर रहमान... मुझे एटीएस और खुफिया एजेंसी खोज रही है, यह सुनते ही सन्न रह गए पुलिसकर्मी

करेली के जीशान समेत कई आंतकियों की गिरफ्तारी के बाद एटीएस और खुफिया एजेंसियों ने जांच पड़ताल शुरू की तो हुमेदुर रहमान निवासी तिरंगा चौराहा करेली का नाम सामने आया था। वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ का एजेंट था। इसके बाद उसकी तलाश शुरू हुई।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 09:36 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 09:36 AM (IST)
मैं हूं हुमेदुर रहमान... मुझे एटीएस और खुफिया एजेंसी खोज रही है, यह सुनते ही सन्न रह गए पुलिसकर्मी
सूत्रों के मुताबिक अचानक हुमेदुर रहमान करेली थाने पहुंच गया और आत्मसमर्पण कर दिया।

प्रयागराज, [राजेंद्र यादव]। एक शख्स प्रयागराज के करेली थाने में दाखिल होता है। सफेद कुर्ता-पायजामा पहने था और मुंह पर मास्क लगाए था। सामने कुर्सी पर थाने के दो दारोगा बैठे थे। तीन सिपाही वहीं बगल में खड़े थे। वह दारोगा के पास पहुंचा और बोला कि 'मैं हूं हुमेदुर रहमान'। तिरंगा चौराहे पर घर है और एटीएस और खुफिया एजेंसियां उसे खोज रही है। यह सुनते ही पुलिसकर्मी दंग रह गए। पलभर के लिए तो मानो किसी के समझ में कुछ नहीं आया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उसे घेर लिया और कमरे में लेकर चले गए। अफसरों को जानकारी दी गई और फिर 18 मिनट बाद उसे करेली थाने से दूसरे स्थान पर भारी सुरक्षा के बीच गुपचुप तरीके से ले जाया गया।

हुमेदुर रहमान पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ का एजेंट था

करेली के जीशान समेत कई आंतकियों की गिरफ्तारी के बाद एटीएस और खुफिया एजेंसियों ने जांच पड़ताल शुरू की तो हुमेदुर रहमान निवासी तिरंगा चौराहा करेली का नाम सामने आया था। वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ का एजेंट था। इसके बाद उसकी तलाश शुरू हुई। उसके घरवालों से पूछताछ की गई तो पता चला कि वह लखनऊ जाने की बात कहकर घर से निकला है। उसकी तलाश में एटीएस और खुफिया एजेंसियां जुटी रही।

आत्‍मसमर्पण की जानकारी एटीएस और खुफिया एजेंसियों को दी

सूत्रों के मुताबिक अचानक वह करेली थाने पहुंच गया और आत्मसमर्पण कर दिया। उसने कहा कि उससे किसी को कोई मतलब नहीं है। इसके बाद इसकी जानकारी आला अफसरों को दी गई। एटीएस और खुफिया एजेंसियों को भी हुमेदुर रहमान के आत्मसमर्पण की जानकारी दी गई।

ई-रिक्शा से उतरा थाने के सामने

हुमेदुर रहमान करेली थाने ई-रिक्शा से आया था। थाने के ठीक सामने वह ई-रिक्शा से उतारा। उसने ई-रिक्शा चालक को रुपये भी दिए। उसके हावभाव सामान्य थे। थाने में जैसे कोई शिकायतकर्ता दाखिल होता है, वैसे ही वह वहां पहुंचा।

आत्मसमर्पण के पहले पहुंचा था घर

हुमेदुर रहमान ने करेली थाने में आत्मसमर्पण करने से पहले अपने घरवालों से मुलाकात की। वह चुपचाप अपने तिरंगा चौराहा स्थित घर पर पहुंचा। घरवालों से बातचीत की। स्वजनों ने बताया कि उसके बारे में एटीएस और खुफिया एजेंसियों ने पूछताछ की है। इसके बाद उसने परिवार के सदस्यों और अपने अधिवक्ता से बातचीत की। इसके बाद घर से अकेले निकला और करेली थाने में जाकर आत्मसमर्पण कर दिया।

छह बेटों में चौथे नंबर पर है

हुमेदुर रहमान मौलाना शमसुर्रहमान के छह बेटों में चौथे नंबर पर है। वह लगभग 20 वर्ष विदेश में रहा। सबसे ज्यादा समय उसने सऊदी अरब में गुजरा। उसने दो शादी की है। पहली पत्नी तब्बसुम पिता के बगल वाले मकान में रहती है, जबकि दूसरी पत्नी खतीजा तिरंगा चौराहा करेली वाले मकान में बच्चों संग रहती है। कोरोना महामारी की पहली लहर के बाद वह भारत आ गया था। यहां उसने खजूर का कारोबार शुरू किया था, लेकिन वह यहां बहुत कम रहता था। जब भी कोई उसके घर पर उसे पूछने जाता तो घरवाले कहते कि वह लखनऊ या कानपुर गया है।

हुमेदुर रहमान ने पाक का झंडा लहराकर फैला दी थी सनसनी

हुमेदुर रहमान ने लगभग दस वर्ष पहले ही शहर में सनसनी फैलाई थी। तिरंगा चौराहे के पास 15 अगस्त को पाकिस्तान का झंडा लहराया था। हालांकि, उस समय किसी को यह संदेह भी नहीं था कि वह पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आइएसआइ का एजेंट बन चुका है। वह निरंतर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में रहकर अपनी गतिविधियां संचालित करता रहा। अब जब उसका नाम सामने आया है, तब परत दर परत हर बातें सामने आ रही हैं।

करीब दस वर्ष पहले 15 अगस्त की शाम को करेली के तिरंगा चौराहे के पास पाकिस्तान का झंडा लहराकर पुलिस को चुनौती दी थी। कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची थी लेकिन कोई हाथ नहीं लगा था। स्थानीय लोगों ने बताया था कि दो-तीन लोग थे जो पाकिस्तान का झंडा लहराकर भाग निकले। अब करेली निवासी आतंकी जीशान की गिरफ्तारी के बाद आतंकी मॉड्यूल हुमैद उर रहमान का नाम सुर्खियों आया।

फूलपुर और मऊआइमा में भी थी सक्रियता

आतंकी जीशान की गिरफ्तारी के बाद आतंकी माड्यूल का मास्टर माइंड हुमैद उर रहमान की सक्रियता फूलपुर और मऊआइमा में भी थी। खुफिया तंत्र गंगापार के फूलपुर और मऊआइमा इलाके में भी खोजबीन कर रही हैं। इन इलाकों में वह खजूर के धंधे को बढ़ाने के लिए लोगों के संपर्क में था।

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