Terror connection: ​​​​​दो वांटेड आतंकियों के पकड़े जाने की खबर, फिलहाल इन्कार कर रही प्रयागराज पुलिस

संदिग्ध आतंकियों हुमैद उर रहमान और शाहरूख जिन्हें एटीएस समेत तमाम खुफिया एजेंसियां खोज रही हैं उनके शुक्रवार रात पकड़े जाने की खबर फैली। खबरें रहीं कि उन दोनों को पुलिस ने पकड़ लिया है या उन दोनों ने अलग-अलग थाने जाकर खुद सरेंडर कर दिया।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 01:25 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 07:22 AM (IST)
Terror connection: ​​​​​दो वांटेड आतंकियों के पकड़े जाने की खबर, फिलहाल इन्कार कर रही प्रयागराज पुलिस
हुमैद और शाहरूख के पकड़े जाने की खबर है लेकिन पुलिस अभी इससे इन्कार कर रही है

प्रयागराज, जेएनएन। दो वांटेड संदिग्ध आतंकियों हुमैद उर रहमान और शाहरूख जिन्हें एटीएस समेत तमाम खुफिया एजेंसियां खोज रही हैं, उनके शुक्रवार रात पकड़े जाने की खबर फैली। खबरें रहीं कि उन दोनों को पुलिस ने पकड़ लिया है या उन दोनों ने अलग-अलग थाने जाकर खुद सरेंडर कर दिया। हालांकि देर रात तक पुलिस अधिकारी पकड़ने या इनके सरेंडर करने की बात से इन्कार करते रहे। इनमें मास्टर माइंड कहे जाने वाले हुमैद उर रहमान ने लगभग दस वर्ष पहले ही शहर में सनसनी फैलाई थी। तब उसने तिरंगा चौराहे के पास 15 अगस्त को पाकिस्तान का झंडा लहराया था। हालांकि, उस समय किसी को यह संदेह भी नहीं था कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ का एजेंट बन चुका है। अब जब उसका नाम सामने आया है, तब परत दर परत हर बातें सामने आ रही हैं।

पकड़े गए या सरेंडर किया, कुछ भी साफ नहीं

हुमैद उर रहमान को प्रयागराज के स्लीपर माड्यूल का मास्टर माइंड कहा जा रहा है। सबसे पहले उसके ही करेली स्थित मकान में छापा मारा गया था। मदरसा में भी तलाशी ली गई थी। सऊदी से पाकिस्तान जाकर आइएसआइ से आतंकी हमले की ट्रेनिंग लेने वाले जीशान का हैंडलर उसे ही बताया गया है। दूसरा मुट्ठीगंज इलाके का शाहरूख है जिसे जीशान का साथी बताया गया है। वे दोनों ही पकड़ में नहीं आए थे। शुक्रवार की रात खबर फैली कि हुमैद पकड़ा गया है। उसे प्रयागराज पुलिस ने पकड़ा है। एक खबर रही कि उसने करेली थाने जाकर खुद सरेंडर किया है और उसे लखनऊ ले जाया लेकिन इसकी पुष्टि पुलिस अधिकारियों ने नहीं की। इसी तरह शाहरूख का एक वीडियो फेसबुक पर आया कि उसने भयभीत होने की वजह से सरेंडर का फैसला किया है। चर्चा रही कि उसने कोतवाली में सरेंडर किया लेकिन इस बारे में भी पुख्ता जानकारी नहीं हो सकी है। ऐसे में इन दोनों की गिरफ्तारी या सरेंडर करने की बात फिलहाल अफवाह के तौर पर ही है।

तब पता नहीं चला था कि किसने लहराया पाकिस्तानी झंडा

करीब दस वर्ष पहले 15 अगस्त की शाम को करेली के तिरंगा चौराहे के पास पाकिस्तान का झंडा लहराने की भनक पुलिस को लगी तो कई थाने की फोर्स पहुंच गई थी। हालांकि, पुलिस के हाथ कोई नहीं लगा था। पुलिस ने काफी छानबीन की, लेकिन बस इतना पता चला कि दो-तीन लोग थे जो पाक का झंडा लहराकर भाग निकले थे। पुलिस की तमाम कवायद के बाद भी झंडा लहराने वालों का नाम सामने नहीं आया था। लेकिन अब करेली के रहने वाले आतंकी जीशान की गिरफ्तारी के बाद आतंकी मॉड्यूल हुमैद उर रहमान का नाम सुर्खियों में है। तिरंगा चौराहे के पास रहने वाले हुमैद उर रहमान के बारे में अब दबी जुबान में लोग बताने भी लगे हैं कि यही वह शख्स था जिसने लगभग दस वर्ष पहले पाक का झंडा लहराया था। हालांकि, उस समय किसी को उस पर यह संदेह नहीं था कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के संपर्क में है। अब जांच में जुटी खुफिया एजेंसियां भी मान रही हैं कि हुमैद उर रहमान सीधे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के संपर्क में था।

फूलपुर और मऊआइमा में भी खुफिया तंत्र ने डाला डेरा

आतंकी जिशान की गिरफ्तारी के बाद आतंकी मॉड्यूल के मास्टर माइंड हुमैद उर रहमान की तलाश में जुटे खुफिया तंत्र ने शहर के साथ ही गंगापार के फूलपुर और मऊआइमा इलाके में भी डेरा डाल दिया था। सूत्रों के मुताबिक खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि जिशान फूलपुर और मऊआइमा भी जाता था। वहां यहां किसके यहां जाता था, इस बात अभी साफ नहीं हो सकी है। खजूर के धंधे को बढ़ाने के लिए वह इन इलाकों में जाने की बात कहता था। अब यह खबर फैली है कि वह पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है

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