Pratapgarh में ट्रैफिक पुलिस के अभाव में होमगार्ड संभाल रहे यातायात व्यवस्था, लगता है जाम

शहर के आंबेडकर चौराहा निर्मल पैलेस तिराहा सदर मोड़ चौक श्रीराम तिराहा राजापाल टंकी चौराहा ट्रेजरी चौराहा भंगवा चुंगी चौराहा चिलबिला ओवरब्रिज चिलबिला तिराहा ऐसे स्थान हैं जहां दिन में वाहनों का दबाव अधिक रहता है। दिन भर जाम लगता रहता है

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 04:42 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 04:42 PM (IST)
Pratapgarh में ट्रैफिक पुलिस के अभाव में होमगार्ड संभाल रहे यातायात व्यवस्था, लगता है जाम
प्रतापगढ़ शहर में यातायात नियमों का पालन कराने के लिए ट्रैफिक पुलिस संसाधनों की कमी से जूझ रही है।

प्रयागराज, जेएनएन। पड़ोस के प्रतापगढ़ शहर में यातायात नियमों का पालन कराने के लिए ट्रैफिक पुलिस संसाधनों की कमी से जूझ रही है। दो दारोगा, 12 दीवान, 35 सिपाही के सापेक्ष यातायात पुलिस के पास एक ही दारोगा, चार दीवान व पांच सिपाही हैं। ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था के संचालन के लिए 45 होमगार्ड व 35 पीआरडी के जवान ट्रैफिक पुलिस में संबंद्ध किए गए हैं। इन्हीं के भरोसे यातायात व्यवस्था संचालित की जा रही है। अप्रशिक्षित होमगार्डों व पीआरडी के जवानों से यातायात व्यवस्था नहीं संभल पा रही है। इनके पीछे टीएसआइ, दीवान व सिपाही दौड़भाग करते रहते हैं।

दिन में वाहनों के दबाव से लगता है जाम 

देखा जाए तो शहर के आंबेडकर चौराहा, निर्मल पैलेस तिराहा, सदर मोड़, चौक, श्रीराम तिराहा, राजापाल टंकी चौराहा, ट्रेजरी चौराहा, भंगवा चुंगी चौराहा, चिलबिला ओवरब्रिज, चिलबिला तिराहा ऐसे स्थान हैं, जहां दिन में वाहनों का दबाव अधिक रहता है। दिन भर जाम लगता रहता है, किसी तरह होमगार्डों व पीआरडी के जवानों से यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस कर्मी प्रयास कर रहे हैं। सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए यातायात पुलिस समय समय पर जागरूकता अभियान चलाती है। इसमें स्कूली बच्चों के साथ आम जनमानस को बाइक चलाते समय हेलमेट, चार पहिया वाहन चालक सहित सवारी को सीट बेल्ट बांधने, तेज रफ्तार में गाड़ी न चलाने समेत यातायात नियमों के प्रति जागरूक भी किया जाता है।यातायात के नियमों व संकेतकों से संबंधित पंफलेट का वितरण चौराहों, स्कूलों में किया जाता है। यातायात के नियमों से संबंधित स्कूलों में गोष्ठी व निबंध प्रतियोगिताएं भी कराई जाती हैं। 

हर साल तीन सौ से अधिक होती हैं मौंते

सड़क हादसों में हर साल तीन सौ से अधिक मौंते होती हैं जबकि इतने ही लोग घायल भी होते हैं। वर्ष 2018 से अब तक कुल 1372 सड़क हादसे हुए हैं, जिसमें 831 लोगों की जान गई है और 894 लोग घायल हुए हैं।

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