हाई कोर्ट ने नोएडा के सेक्टर-20 थाना के इंस्पेक्टर के ट्रांसफर को आदेश की अवहेलना माना

हाई कोर्ट ने कहा कि पुलिस के चार अधिकारी के विरुद्ध प्रथम दृष्टया अवमानना का केस बनता है। लेकिन कोर्ट ने उन्हें आदेश के अनुपालन का एक मौका और दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 09:05 PM (IST) Updated:Thu, 16 Jul 2020 09:05 PM (IST)
हाई कोर्ट ने नोएडा के सेक्टर-20 थाना के इंस्पेक्टर के ट्रांसफर को आदेश की अवहेलना माना
हाई कोर्ट ने नोएडा के सेक्टर-20 थाना के इंस्पेक्टर के ट्रांसफर को आदेश की अवहेलना माना

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नोएडा के सेक्टर-20 थाना के इंस्पेक्टर मनोज पंत को बहाल करने के बजाय स्थानांतरित करने को कोर्ट आदेश की अवहेलना माना है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस के चार अधिकारी के विरुद्ध प्रथम दृष्टया अवमानना का केस बनता है। लेकिन, कोर्ट ने उन्हें आदेश के अनुपालन का एक मौका और दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने इंस्पेक्टर मनोज पंत की अवमानना याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम को सुनकर दिया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एडीजी स्थापना पीयूष आनंद, पुलिस कमिश्नर नोएडा आलोक सिंह, एडिशनल पुलिस कमिश्नर नोएडा नितिन तिवारी और पूर्व एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण को छह सप्ताह में आदेश के पालन का मौका दिया है। याची इंस्पेक्टर मनोज पंत को आठ लाख रुपये की वसूली को लेकर निलंबित किया गया था। पुलिस ने इस मामले में मनोज पंत के अलावा चार मीडिया कर्मियों को भी जेल भेजा था। इसके विरुद्ध दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने मनोज पंत का निलंबन आदेश स्थगित करते हुए उन्हें बहाल करने का आदेश दिया था।

आरोप है कि इस आदेश के अनुपालन में याची को बहाल करने की बजाय एडीजी स्थापना ने याची का गोरखपुर जोन स्थानांतरण कर दिया। इसके बाद यह अवमानना याचिका दाखिल की गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि पुलिस के चार अधिकारी के विरुद्ध प्रथम दृष्टया अवमानना का केस बनता है। लेकिन, कोर्ट ने उन्हें आदेश के अनुपालन का एक मौका और दिया है। कोर्ट ने कहा है कि आदेश का पालन न करने पर याची दोबारा अवमानना याचिका दाखिल कर सकता है।

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