हाईकोर्ट ने एससी-एसटी के बीएड छात्रों की शुल्क प्रतिपूर्ति मामले में निर्णय लेने का दिया निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति-जनजाति के बीएड छात्रों की शुल्क प्रतिपूर्ति मामले में राज्य सरकार को नियमानुसार निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति-जनजाति के बीएड छात्रों की शुल्क प्रतिपूर्ति मामले में राज्य सरकार को नियमानुसार निर्णय लेने का निर्देश दिया है। सहारनपुर के एक कालेज के एससी छात्रों ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि प्रथम वर्ष के शुल्क की प्रतिपूर्ति अभी तक राज्य सरकार ने नहीं की है। इसके कारण उन्हेंं कोर्स पूरा करने में परेशानी हो रही है। इस पर न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने सक्षम प्राधिकारी को छात्रों की शुल्क प्रतिपूर्ति पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
हाई कोर्ट में आरती व 43 अन्य एससी छात्रों ने याचिका दाखिल की है। याची अधिवक्ता ने कहा कि याचियों ने सत्र 2018-2020 के बीएड छात्र हैं। स्कॉलरशिप स्कीम के तहत वह कालेजों में जमा की गई फीस सरकार से वापस पाने के हकदार हैं। उनको द्वितीय वर्ष की फीस तो वापस कर दी गई। लेकिन, प्रथम वर्ष की फीस वापस नहीं की जा रही है। छात्रों का कहना है कि उन्होंने सक्षम प्राधिकारी को प्रत्यावेदन भी दिया है, परंतु उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। वहीं, राज्य सरकार के अधिवक्ता का कहना था कि इस मामले में सक्षम प्राधिकारी शीघ्र ही निर्णय लेंगे। कोर्ट ने सक्षम प्राधिकारी को याचियों के दावे पर विचार करके प्रत्यावेदन पर तीन माह के भीतर निर्णय लेने के लिए कहा है।