सवालों के घेरे में भगोड़ा घोषित IPS मणिलाल पाटीदार की हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका

इलाहाबाद हाई कोर्ट में भगोड़ा घोषित महोबा के पुलिस अधीक्षक रहे मणिलाल पाटीदार की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका सवालों के घेरे में आ गई है। हालांकि गुरुवार को हाई कोर्ट ने सरकार की अनुपालन रिपोर्ट सहित हलफनामे को रिकार्ड पर लाने का निर्देश दिया।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 06:00 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 06:00 AM (IST)
सवालों के घेरे में भगोड़ा घोषित IPS मणिलाल पाटीदार की हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका
हाई कोर्ट ने सरकार की अनुपालन रिपोर्ट सहित हलफनामे को रिकार्ड पर लाने का निर्देश दिया।

विधि संवाददाता, प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट में भगोड़ा घोषित महोबा के पुलिस अधीक्षक रहे मणिलाल पाटीदार की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका सवालों के घेरे में आ गई है। हालांकि, गुरुवार को हाई कोर्ट ने सरकार की अनुपालन रिपोर्ट सहित हलफनामे को रिकार्ड पर लाने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान हलफनामा रिकार्ड पर नहीं था। इस याचिका पर अगली सुनवाई पांच जुलाई को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्तित बच्चूलाल एवं न्यायमूर्ति संजय कुमार पचौरी की खंडपीठ ने याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता और अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल एवं अपर शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड को सुनकर दिया है। कोर्ट ने याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता से उनका लोकेशन पूछा तो उन्होंने स्वयं को मणिलाल पाटीदार का अधिवक्ता बताया। वकालतनामे के बारे में पूछे जाने पर मोबाइल फोन से संपर्क की बात कही गई।

सरकार की तरफ से बताया गया कि मणिलाल पाटीदार के परिजनों के अनुसार उन्होंने इन वकील को अधिवक्ता नियुक्त नहीं किया है। कोर्ट ने इस मामले में सरकार से पूर्व के आदेशों के अनुपालन की रिपोर्ट मांगी थी। अदालत को बताया गया कि आइपीएस मणिलाल पाटीदार को भगोड़ा घोषित कर उसके खिलाफ आइपीसी की धारा 174 ए का मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही उसकी कुर्की का आदेश भी प्राप्त कर लिया गया है।

यह भी बताया गया कि याचिका में जिन मोबाइल नंबरों से संपर्क करने का हवाला है, उनमें एक पर वाट्सएप है ही नहीं और दूसरे में वाट्सएप संपर्क के काफी देर बाद डाउनलोड हुआ। कोर्ट ने याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता से सरकार की रिपोर्ट के संबंध में पूछा तो उन्होंने जवाब दाखिल करने की बात कही, लेकिन वह कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत रिकार्ड पर नहीं था। इस पर कोर्ट ने संबंधित अनुभाग से उनका जवाब रिकार्ड पर लाने को कहा है।

अधिवक्ता ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल कर कहा है कि मणिलाल पाटीदार का कुछ पता नहीं है। आशंका है कि वह पुलिस की अवैध हिरासत में हैं। इसलिए उन्हें कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाए। मणिलाल पाटीदार को महोबा का एसपी रहते हुए क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी से अवैध वसूली और उसकी संदिग्ध मौत के मामले में आरोपित बनाया गया है।

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