हाई कोर्ट ने पुलिस-पीएसी भर्ती मामले में पूछा- मेडिकल जांच से वंचित सफल अभ्यर्थियों के लिए क्या है नीति
यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने उन्नाव के श्यामू कुमार की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता एमए सिद्दीकी ने बहस की। उनका कहना है कि याची 49568 पुलिस पीएसी भर्ती परीक्षा तथा शारीरिक टेस्ट में सफल घोषित किया गया।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड से पूछा है कि कोविड 19 तथा लाकडाउन के कारण पुलिस-पीएसी भर्ती में मेडिकल जांच न करा पाने वाले सफल अभ्यर्थियों के बारे में उसने क्या नीति तय की है। लाकडाउन में फंसे अभ्यर्थियों के लिए बाद में मेडिकल जांच कराने का क्या कोई उपबंध है? कोर्ट ने इस बारे में 16 अगस्त को जानकारी मांगी है।
उन्नाव के श्यामू कुमार की याचिका पर हाई कोर्ट का आदेश
यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने उन्नाव के श्यामू कुमार की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता एमए सिद्दीकी ने बहस की। उनका कहना है कि याची 49,568 पुलिस पीएसी भर्ती परीक्षा तथा शारीरिक टेस्ट में सफल घोषित किया गया। उसे मेडिकल जांच के लिए 10 सितंबर 2020को डीआइजी कानपुर नगर द्वारा बुलाया गया। उस समय वह मुंबई में था। देश में लाकडाउन के कारण जांच के लिए पहुंच पाना दुरूह था।
सफल होने के बावजूद याची को नहीं दिया गया अवसर
एसपी जालौन ने याची की अभ्यर्थिता निरस्त कर दी। उसने कठिनाइयों की जानकारी के साथ पुनर्विचार के लिए प्रत्यावेदन भेजा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। डीआइजी प्रशासन लखनऊ ने अधिसूचना जारी की है, जिसमें 17,360 सफल अभ्यर्थियों को मेडिकल जांच के लिए आठ मार्च को बुलाया था। सफल होने के बावजूद याची को अवसर नहीं दिया जा रहा है।